देश के 15वें उपराष्ट्रपति बने सी.पी. राधाकृष्णन, जानें कैसी रही राजनीतिक यात्रा

    Cp Radhakrishnan: देश को उसका 15वां उपराष्ट्रपति मिल गया है. वरिष्ठ भाजपा नेता और संगठनकर्ता सी.पी. राधाकृष्णन ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक गरिमामय समारोह में उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली.

    CP Radhakrishnan became the 15th Vice President of the country know how his political journey was
    Image Source: Social Media/ Screengrab

    Cp Radhakrishnan: देश को उसका 15वां उपराष्ट्रपति मिल गया है. वरिष्ठ भाजपा नेता और संगठनकर्ता सी.पी. राधाकृष्णन ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक गरिमामय समारोह में उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 67 वर्षीय राधाकृष्णन को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.

    राधाकृष्णन ने इस चुनाव में विपक्षी INDIA गठबंधन के प्रत्याशी पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के भारी अंतर से हराकर यह पद हासिल किया. यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद 9 सितंबर को कराया गया था.

    महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से दिया इस्तीफा

    उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद सी.पी. राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया. राष्ट्रपति भवन की ओर से गुरुवार को इस संबंध में औपचारिक सूचना जारी की गई थी. उनके इस्तीफे के बाद, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.

    धनखड़ के इस्तीफे से बदले सियासी समीकरण

    पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संसद के मानसून सत्र के दौरान स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा सौंपा, जबकि उनका कार्यकाल अभी दो वर्ष शेष था. इस अप्रत्याशित घटनाक्रम ने मध्यावधि चुनाव की स्थिति उत्पन्न की.

    संघ से शुरू हुआ सफर, भाजपा की रीढ़ बने राधाकृष्णन

    सी.पी. राधाकृष्णन की राजनीतिक यात्रा का आरंभ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव के साथ हुआ. छात्र आंदोलनों से निकलकर वह भारतीय राजनीति के ऐसे मंच पर पहुंचे, जहां उन्होंने संगठन और प्रशासन दोनों क्षेत्रों में अपनी मजबूत पकड़ बनाई.

    2004 से 2007 तक तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे

    2007 में 93 दिन, 19,000 किमी लंबी रथयात्रा निकाली, जिसका उद्देश्य नदियों को जोड़ना, आतंकवाद के खिलाफ जनजागरण, समान नागरिक संहिता, मादक पदार्थों का विरोध करना रहा.  वो 2020 से 2022 तक केरल भाजपा के प्रभारी भी रहे.

    तमिलनाडु के 'मोदी' के नाम से पहचान

    कोंगु वेल्लार (गाउंडर) समुदाय से आने वाले राधाकृष्णन को उनके समर्थक "तमिलनाडु का मोदी" कहकर पुकारते हैं. विनम्र स्वभाव, सहज उपलब्धता और संगठन क्षमता उनकी पहचान है. वे न सिर्फ भाजपा की दक्षिण भारत में जड़ों को मज़बूती देने में सफल रहे, बल्कि उन्होंने कई प्रशासनिक जिम्मेदारियां भी कुशलता से निभाईं. महाराष्ट्र, झारखंड, पुडुचेरी और तेलंगाना जैसे राज्यों में राज्यपाल और उपराज्यपाल पद की जिम्मेदारी निभाई.

    • 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए
    • सांसद रहते हुए कपड़ा मंत्रालय की संसदीय समिति के अध्यक्ष और स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच समिति के सदस्य रहे
    • अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी भारत का प्रतिनिधित्व
    • 2004 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया
    • ताइवान जाने वाले पहले भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बने
    • 2016 में कोच्चि स्थित कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष नियुक्त हुए, जहां उनके कार्यकाल में नारियल रेशे के निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई

    परिवार और व्यक्तिगत जीवन

    सी.पी. राधाकृष्णन की पत्नी का नाम सुमति है. उनके एक बेटा और एक बेटी हैं. निजी जीवन में वे सहज, पारिवारिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले और सामाजिक सरोकारों से जुड़े हुए व्यक्ति माने जाते हैं.

    यह भी पढ़ें- अमेरिका में भारतीय मूल के व्यक्ति की नृशंस हत्या, कुल्हाड़ी से काटी गर्दन; पार्किंग में लुढ़कता रहा सिर