लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक उच्चस्तरीय बैठक में स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि खाद की कालाबाजारी और मिलावट करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से इस मुद्दे पर गंभीरता से कार्रवाई करने को कहा, ताकि किसानों को खाद की आपूर्ति में किसी भी तरह की दिक्कत न हो.
खाद की समुचित उपलब्धता और वितरण पर सख्त दिशा-निर्देश
मुख्यमंत्री ने कृषि और सहकारिता विभाग के मंत्री की उपस्थिति में बैठक के दौरान खाद की उपलब्धता और वितरण पर कड़ी निगरानी रखने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी किसानों को समय पर और उचित दरों पर खाद मिले. इसके लिए जिला प्रशासन और संबंधित विभागों की जिम्मेदारी बढ़ा दी गई है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि किसी भी जिले में खाद की आपूर्ति में कोई कमी या गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए और किसी भी स्तर पर लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
औचक निरीक्षण और अधिकारियों की निरंतर निगरानी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारी को खाद की दुकानों और समितियों पर नियमित औचक निरीक्षण करना होगा. यदि कहीं ओवर रेटिंग या निर्धारित समय के बाहर दुकानें बंद पाई जाती हैं, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भी दिए कि अधिकारियों की गतिविधियों की निरंतर निगरानी रखी जाएगी और किसी भी प्रकार की मिलीभगत या लापरवाही पाए जाने पर खुली विजिलेंस जांच कराई जाएगी.
प्रदेश में खाद की उपलब्धता और वितरण की स्थिति
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि 16 दिसंबर 2025 तक प्रदेश में 9.57 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 3.77 लाख मीट्रिक टन डीएपी और 3.67 लाख मीट्रिक टन एनपीके उर्वरक किसानों के लिए उपलब्ध हैं. इस बार यूरिया, डीएपी और एनपीके उर्वरकों की उपलब्धता पिछले साल से अधिक है. इसके साथ ही, रबी फसलों की बुवाई भी लगभग पूरी हो चुकी है, और किसानों को यूरिया का वितरण किया जा रहा है.
सीएम योगी आदित्यनाथ का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में यह स्पष्ट किया कि खाद की कोई कमी नहीं है, फिर भी यदि किसी किसान को खाद के लिए परेशान होना पड़ा, तो यह सरकार के लिए एक असफलता होगी. उन्होंने यह सुनिश्चित करने की बात कही कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता यह हो कि किसानों को खाद के लिए कहीं भटकना न पड़े, और उन्हें समय पर खाद मिले.
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