सीएम योगी के जनता दरबार में पहुंचे 9 जिलों के फरियादी, मुख्यमंत्री से साझा किया अपना दर्द

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने आवास पर आयोजित 'जनता दर्शन' में प्रदेशवासियों की समस्याओं को न केवल सुना, बल्कि अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के लिए कड़े निर्देश भी दिए. इस दौरान उन्होंने पीड़ितों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए बच्चों को चॉकलेट देकर दुलारा और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की.

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    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने आवास पर आयोजित 'जनता दर्शन' में प्रदेशवासियों की समस्याओं को न केवल सुना, बल्कि अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के लिए कड़े निर्देश भी दिए. इस दौरान उन्होंने पीड़ितों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए बच्चों को चॉकलेट देकर दुलारा और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की. योगी ने जनता दर्शन में स्पष्ट संदेश दिया कि प्रदेशवासियों की सुरक्षा और सम्मान सरकार का सर्वोच्च ध्येय है. उन्होंने कहा, हर जरूरतमंद के साथ सरकार खड़ी है. कोई भी पीड़ित उपेक्षित नहीं रहेगा. 

    हर समस्या के समाधान का मिला भरोसा

    करीब 60 से अधिक फरियादी सोमवार को मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे. इनमें प्रयागराज से सबसे ज़्यादा लोग थे, साथ ही देवरिया, फतेहपुर, बस्ती, सहारनपुर और कई अन्य जिलों से भी लोग आए. पुलिस, ज़मीन विवाद, चिकित्सा, पेंशन, बिजली और सड़क से जुड़ी परेशानियों के साथ जब लोग मुख्यमंत्री के सामने पहुंचे, तो उन्हें सिर्फ आश्वासन नहीं, बल्कि एक भरोसा मिला कि अब उनकी बात सीधे शीर्ष तक पहुंची है.

    बच्चों को दी चॉकलेट

    यह सिर्फ एक आधिकारिक मुलाकात नहीं थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर पीड़ित के पास जाकर उसकी बात सुनी. कई लोगों के साथ छोटे बच्चे भी आए थे, जिन्हें उन्होंने अपने हाथों से चॉकलेट दी और मुस्कराकर पढ़ाई में मन लगाने की सलाह दी. 

    अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश

    मुख्यमंत्री ने मौजूद अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिए कि हर शिकायत का निस्तारण समयबद्ध हो. उन्होंने दो टूक कहा, "जो अधिकारी लापरवाही करेगा, उसकी जवाबदेही तय की जाएगी. कोई भी पीड़ित बार-बार चक्कर न लगाए — यह शासन की प्राथमिकता है."

    सीएम योगी का जनता दरबार

    गोरखपुर में महंत और सांसद रहते हुए भी योगी आदित्यनाथ हर सुबह जनता से मिलते थे. मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस परंपरा को लखनऊ में भी जारी रखा — अब यह उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक शैली का स्थायी हिस्सा बन चुकी है. यह ‘जनता दर्शन’ असल में एक सुनवाई प्रणाली का सजीव रूप है, जिसमें सरकार लोगों के बीच जाकर न केवल सुनती है, बल्कि उन्हें महसूस कराती है कि "आप अकेले नहीं हैं."

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