यूपी के किसानों के लिए गुड न्यूज़, सरकार ला रही नई योजना, सीएम योगी ने अधिकारियों को दिए निर्देश

    सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लघु और सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए 'मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना' की घोषणा की है. इस योजना का उद्देश्य है: आसान और सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराकर किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है.

    mukhyamantri krishak samridhi yojana CM Yogi instructions to the officials
    File Image Source ANI

    उत्तर प्रदेश के गांवों से उठती किसान की आवाज़ अब और बुलंद होगी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लघु और सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए 'मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना' की घोषणा की है. इस योजना का उद्देश्य है: आसान और सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराकर किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है.

    मुख्यमंत्री ने सोमवार को सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि योजना की विस्तृत कार्ययोजना जल्द तैयार की जाए. उन्होंने कहा, "अगर गांव का किसान मजबूत होगा, तो राज्य भी समृद्ध होगा. यही सोच हमें नीति निर्माण से ज़मीन तक लेकर जानी है."

    सहकारी बैंकों ने रचा इतिहास

    बीते आठ वर्षों में प्रदेश के सहकारी बैंकों ने अपनी छवि बदली है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 2017 में जहां ₹9,190 करोड़ का ऋण वितरित किया गया था, वहीं 2025 तक यह आंकड़ा ₹23,061 करोड़ तक जा पहुंचा है. जिला सहकारी बैंकों का कारोबार भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है. इन बैंकों ने अब तक ₹11,516 करोड़ का फसली ऋण और ₹393 करोड़ का दीर्घकालिक ऋण वितरित किया है — ये आंकड़े दर्शाते हैं कि किसानों तक संसाधन पहुंच रहे हैं और सरकार की नीतियां जमीन पर काम कर रही हैं.

    भंडारण के क्षेत्र में क्रांति

    किसान की मेहनत सिर्फ फसल उगाने तक सीमित नहीं है, उसे सुरक्षित रखना भी उतना ही जरूरी है. इसी सोच के तहत, मुख्यमंत्री ने भंडारण क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया है. अब तक एआईएफ योजना के तहत 375 गोदाम बने हैं. वहीं, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 1,060 गोदाम बनाए गए हैं. इसके अलावा आने वाले समय में 16 जिलों में 500 से 1000 मीट्रिक टन के नई भंडारण इकाइयों का निर्माण प्रस्तावित है.

    सहकारिता में डिजिटल युग की शुरुआत

    अब सहकारी समितियों को तकनीक से लैस करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. 5,000 से अधिक एम-पैक्स समितियों का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है. इसके साथ ही इन्हें PDS, जन औषधि केंद्र और पीएम किसान सम्मान केंद्र जैसी योजनाओं से भी जोड़ा जाएगा. सहकारी संस्थाओं में भर्ती अब IBPS (इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन) के माध्यम से की जाएगी, जिससे पारदर्शिता और योग्यता दोनों सुनिश्चित होंगी.

    सहकारिता से आत्मनिर्भरता तक का सफर

    भारत में सहकारिता आंदोलन की जड़ें गहरी हैं और उत्तर प्रदेश अब इसे एक नई सोच, नई ऊर्जा और नई तकनीक के साथ पुनर्परिभाषित कर रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट संदेश है कि "सहकारिता से ही आत्मनिर्भर किसान का सपना साकार होगा."

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