बिहार की राजनीति में रोजगार एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है, और इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर युवाओं को आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार अगले पांच सालों में एक करोड़ नौकरियां और रोजगार के अवसर पैदा करेगी. भोजपुर जिले के जगदीशपुर खेल मैदान में एनडीए संवाद कार्यक्रम के दौरान नीतीश ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले की सरकारों में विकास ठप था, लेकिन एनडीए शासन में बिहार ने नई ऊंचाइयां छुई हैं. इस मौके पर भोजपुर को 740 करोड़ रुपये से ज्यादा की विकास योजनाओं की सौगात दी गई, जो चुनावी साल में ग्रामीण विकास को गति देने का संकेत दे रही है. आइए, इस ऐलान और योजनाओं की बारीकियों पर नजर डालें.
अब तक 29 लाख नौकरियां दे चुकी सरकार
नीतीश कुमार ने स्पष्ट कहा कि उनकी सरकार ने अब तक 29 लाख युवाओं को रोजगार प्रदान किया है, और अगले पांच सालों (2025-2030) में एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरियां व निजी क्षेत्र में अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने 2005 से पहले लालू यादव की सरकार पर तंज कसते हुए कहा, "आप जानते हैं कि पहले की सरकारें कोई काम नहीं करती थीं. शाम ढलते ही घर से निकलना मुश्किल था. लेकिन 2005 में जब एनडीए की सरकार बनी, तो हमने बिजली पहुंचाई, सड़कें बनाईं और विकास की रफ्तार पकड़ी." यह वादा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले आया है, जब बेरोजगारी और पलायन प्रमुख मुद्दे हैं. नीतीश ने बताया कि प्राइवेट सेक्टर में इंडस्ट्रीयल एरिया बढ़ाकर और स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी स्थापित करके यह लक्ष्य हासिल किया जाएगा.
भोजपुर को 740 करोड़ की सौगात
कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार ने भोजपुर जिले को बड़ी राहत दी. 740 करोड़ 38 लाख रुपये की लागत से कुल 432 विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया. इनमें सड़कें, नहरें, पुल और ड्रेनेज सिस्टम जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं, जो ग्रामीण इलाकों की कनेक्टिविटी मजबूत करेंगे. विशेष रूप से, जवइनिया गांव के 187 बाढ़ प्रभावित परिवारों को 2 करोड़ 24 लाख 40 हजार रुपये की राहत राशि वितरित की गई. यह कदम बाढ़ प्रबंधन और तत्काल सहायता पर सरकार के फोकस को दर्शाता है. जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने वाली ये योजनाएं चुनावी माहौल में एनडीए की विकास-केंद्रित छवि को मजबूत करेंगी.
सड़क और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर
नीतीश कुमार ने सड़क विकास पर खास ध्यान दिया. 105 करोड़ 16 लाख रुपये की लागत से आरा-बक्सर फोरलेन (एनएच 922) से छपरा भाया बबुरा पथ का 6-लेन चौड़ीकरण होगा, जो ट्रैफिक जाम कम करेगा और यात्रा को आसान बनाएगा. इसी तरह, 33 करोड़ 89 लाख रुपये से जीरो माइल से पातर तक पथ का चौड़ीकरण, 18 करोड़ 43 लाख रुपये से संदेश से अगर गांव होते हुए कोइलवर तक नहर बांध पर रोड का निर्माण होगा. 31 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से चंदवा से गांधी होते हुए धरहरा तक नहर बांध पर रोड बनेगी. 14 करोड़ 11 लाख रुपये से आरा रेलवे स्टेशन से जज कोटी मोड़ तक पथ चौड़ीकरण का काम होगा. 53 करोड़ 94 लाख रुपये से वैंपाली से चंदवा मोड होते हुए पकड़ी चौक तक पथ का निर्माण होगा. 37 करोड़ 19 लाख रुपये से अरने देवी मंदिर (आरा) से आरा-बक्सर फोरलेन पथ (भाया आरा–सिन्हा एवं आरा–बड़हरा) का चौड़ीकरण किया जाएगा. ये प्रोजेक्ट जिले की अर्थव्यवस्था को बूस्ट देंगे, खासकर किसानों और व्यापारियों के लिए.
ड्रेनेज और पर्यावरण पर फोकस
शहरी विकास के लिए 86 करोड़ रुपये की लागत से स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम के तहत आउटफॉल नाला, संप हाउस और न्यू पुलिस लाइन से एमपी बाग नाला मोड़ तक नए संरेखण का निर्माण होगा. यह प्रोजेक्ट बाढ़ और जलभराव की समस्या से निपटेगा, जो भोजपुर जैसे जिलों में आम है. इसके अलावा, 27 करोड़ 87 लाख रुपये से ओझाबलिया पुल से बचारी पुल तक बाइपास निर्माण, 18 करोड़ 43 लाख रुपये से बिहियां चौरस्ता से एनएच 922 तक पथ का चौड़ीकरण होगा. 14 करोड़ रुपये से भोजपुर जिले के तरारी ग्राम देव सूर्य मंदिर परिसर का विकास होगा. ये योजनाएं पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करेंगी, साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देंगी.
विपक्ष पर निशाना
नीतीश कुमार ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि 2005 से पहले की सरकारों में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं थी, लेकिन एनडीए ने बिहार को बदला. "हमने बिजली दी, सड़कें बनाईं, और अब एक करोड़ नौकरियां देकर युवाओं का भविष्य संवारेंगे." यह बयान चुनावी रणनीति का हिस्सा लगता है, जहां एनडीए विकास और रोजगार पर जोर दे रहा है. विपक्षी दलों ने इसे "खोखला वादा" बताते हुए चुनौती दी है, लेकिन नीतीश का जोर है कि अब तक के आंकड़े (29 लाख नौकरियां) उनके दावों की सच्चाई साबित करते हैं.
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