MP के CM आवास में लगी दुनिया की पहली वैदिक घड़ी, मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ, जानें इसकी खासियत

    भारत की सांस्कृतिक विरासत को डिजिटल युग से जोड़ने की एक ऐतिहासिक पहल मध्य प्रदेश से हुई है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आधुनिक तकनीक के माध्यम से भारतीय कालगणना को फिर से जीवंत करने के उद्देश्य से 'विक्रमादित्य वैदिक घड़ी' और मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया है.

    CM Mohan Yadav inaugurated the world s first Vedic clock in madhya pradesh
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    भोपाल: भारत की सांस्कृतिक विरासत को डिजिटल युग से जोड़ने की एक ऐतिहासिक पहल मध्य प्रदेश से हुई है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आधुनिक तकनीक के माध्यम से भारतीय कालगणना को फिर से जीवंत करने के उद्देश्य से 'विक्रमादित्य वैदिक घड़ी' और मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया है. यह सिर्फ एक घड़ी नहीं, बल्कि भारतीय ज्योतिष और पंचांग का आधुनिक संस्करण है, जो समय को केवल घंटे और मिनट में नहीं, बल्कि धर्म, ज्योतिष और विज्ञान से जोड़कर दिखाता है.

    क्या है विक्रमादित्य वैदिक घड़ी?

    यह विश्व की पहली घड़ी है जो भारतीय वैदिक कालगणना पर आधारित है. इसमें सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को विशेष महत्व दिया गया है. सामान्य घड़ियों की तरह यह केवल समय नहीं बताती, बल्कि शुभ-अशुभ मुहूर्त, तिथि, नक्षत्र, योग, करण, वार, और धार्मिक अवसरों की जानकारी भी देती है. इससे आम व्यक्ति आसानी से अपने धार्मिक कार्यों की योजना बना सकता है.

    ऐप की आधुनिक खूबियां

    इस घड़ी के साथ जो मोबाइल ऐप जारी किया गया है, वह तकनीक और परंपरा का अद्भुत संगम है. यह ऐप 189 से अधिक भाषाओं में उपलब्धता, जिससे यह विश्वव्यापी उपयोग के लिए उपयुक्त बनता है. इसमें 30 प्रकार के धार्मिक मुहूर्त, जैसे विवाह, नामकरण, गृह प्रवेश, पूजा आदि के लिए विशिष्ट समय की जानकारी उपलब्ध है. इसका अलार्म सिस्टम, जो आपको शुभ समय के लिए अलर्ट देता है. प्रचलित समय में वैदिक समय (30 घंटे) की जानकारी है. GMT और IST के साथ मौसम की जानकारी जैसे तापमान, आर्द्रता, हवा की गति आदि.

    7000 वर्षों का पंचांग

    यह ऐप और घड़ी केवल आज या कल की नहीं, बल्कि 3179 विक्रम पूर्व (भगवान श्रीकृष्ण के जन्मकाल) से लेकर आने वाले हजारों वर्षों तक के समय, तिथि और पर्वों की जानकारी भी प्रदान करते हैं. यह किसी भी धार्मिक या ऐतिहासिक आयोजन की सटीक तिथि का निर्धारण करने में मददगार है.

    धार्मिक प्रतीकों के साथ एक आध्यात्मिक अनुभव

    विक्रमादित्य वैदिक घड़ी में 12 ज्योतिर्लिंग, नवग्रह, और प्रमुख धार्मिक स्थलों के दर्शन भी संभव हैं. यह एक समय बताने वाला यंत्र ही नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव भी है. इसे GPS और इंटरनेट से जोड़कर स्मार्ट टीवी और मोबाइल स्क्रीन पर लाइव देखा जा सकता है.

    उज्जैन: वैदिक समय का प्रणेता

    ध्यान देने वाली बात यह है कि दुनिया की पहली वैदिक घड़ी महाकाल की नगरी उज्जैन में स्थापित की गई थी, जो भारतीय कालगणना का केंद्र रहा है. अब उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए यह डिजिटल संस्करण पूरे देश और दुनिया तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.

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