Regional Tourism Conclave in Gwalior: मध्य प्रदेश में पर्यटन उद्योग को लेकर एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. खासकर ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग में पर्यटन को नई दिशा मिलने वाली है. हाल ही में ग्वालियर में आयोजित 'ग्वालियर रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव' में निवेशकों ने इस क्षेत्र में 3500 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करने की इच्छा जताई. यह निवेश न सिर्फ पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगा, जिससे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.
ग्वालियर, जो पहले से ही अपनी ऐतिहासिक धरोहरों और महलों के लिए जाना जाता है, अब अपने पर्यटन उद्योग में और भी बड़ा कदम उठाने जा रहा है. इस निवेश से ग्वालियर और इसके आसपास के क्षेत्रों में पांच से सात सितारा होटल, रिसॉर्ट्स, और अन्य पर्यटन सुविधाएं बनाई जाएंगी. जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को एक बेहतरीन अनुभव मिलेगा.
"आर्थिक समृद्धि और रोजगार के नए द्वार खोलेगा"
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ग्वालियर रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में प्रमुख निवेशकों ने ग्वालियर-चंबल और सागर संभाग में 3500 करोड़ से अधिक के निवेश की इच्छा जताई है. इस तरह उन्होंने इन क्षेत्रों में पर्यटन के विकास की अपार संभावनाओं को रेखांकित किया है. यह ऐतिहासिक पल दोनों संभागों के लिए आर्थिक समृद्धि और रोजगार के नए द्वार खोलेगा.
उन्होंने कहा कि आज पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए 7 जमीनों के लिए 6 निवेशकों को लेटर ऑफ अलॉटमेंट जारी किए गए हैं. प्रदेश में इससे सीधे तौर पर 60 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश, प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के असंख्य अवसर पैदा होंगे. इन जमीनों पर होटल, रिसॉर्ट और इको टूरिज्म यूनिट आदि का निर्माण किया जाएगा.
"भविष्य अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे"
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि आज कॉन्क्लेव में ग्वालियर की धरती पर 25 से अधिक प्रमुख इन्वेस्टर्स, देशभर से 125 से अधिक ट्रैवल-टूर ऑपरेटर, 500 से अधिक हितधारक और स्थानीय कलाकार शामिल हुए हैं. इन सभी के बीच द्विपक्षीय संवाद और पर्यटन क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा हुई है. इसके भविष्य में निश्चित ही अच्छे और सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे.
सीएम ने कहा कि ग्वालियर के पास आगरा, मथुरा, दिल्ली है. ग्वालियर देश की राजधानी का सबसे नजदीकी केंद्र है. धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से देखें तो मथुरा-वृंदावन का नजदीकी क्षेत्र है. ग्वालियर का ऐतिहासिक महत्व है. राजा मानसिंह का किला और उसकी अपनी गाथा विशेष है. ऐसा लगता है जैसे स्वर्ग को कोई टुकड़ा यहां किले के रूप में आसमान से आ गया हो.
उन्होंने कहा कि ग्वालियर का इतिहास समृद्ध है. बड़े-बड़े सत्ताधीश बुरे समय में यहां के किले की जेल में ही बंदी बनाए गए. ग्वालियर वह जगह है जहां बुरे दौर में भी आध्यात्मिक ताकतों का प्रकटीकरण हुआ. मितावली-पड़ावली का चौंसठ योगिनी का मंदिर असल में हमारी पुरानी लोकसभा के भवन की प्लानिंग है.
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