बिहार की सियासत में हलचल और सरगर्मी तेज हो गई है. रविवार को राजगीर में आयोजित ‘बहुजन भीम संकल्प समागम’ में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने जिस अंदाज़ में भीड़ को संबोधित किया, उसने साफ संकेत दे दिया कि 2025 का विधानसभा चुनाव उनकी रणनीति में सबसे ऊपर है. उन्होंने एलान किया कि उनकी पार्टी सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
जनसैलाब देख गदगद हुए चिराग
चिराग ने मंच से कहा, "विपक्ष सवाल करता है कि क्या मैं बिहार से चुनाव लड़ूंगा? मैं कहता हूं, मैं बिहार से नहीं, बिहार के लिए चुनाव लड़ूंगा, हर बिहारी के लिए लड़ूंगा. मैं खुद 243 चिराग बनकर हर सीट पर उतरूंगा.” उनका यह बयान समर्थकों में जोश भर गया और सभास्थल तालियों से गूंज उठा. कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ को देखकर गदगद हुए चिराग ने कहा, “आज की ऐतिहासिक भीड़ इस बात का संकेत है कि बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट अब केवल नारा नहीं, एक जन आंदोलन बन चुका है. मेरे संकल्प की आज जनता गवाह बनी है.”
"कांग्रेस की गोद में बैठा INDIA गठबंधन"
चिराग पासवान ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, जिस इंदिरा गांधी के दौर में संविधान की हत्या कर आपातकाल थोपा गया, आज उसी कांग्रेस की गोद में बैठकर INDIA गठबंधन लोकतंत्र की दुहाई दे रहा है. सवाल पूछिए RJD के नेताओं से, जो कभी आपातकाल के खिलाफ जेल गए थे, आज उसी कांग्रेस के समर्थन में थकते नहीं. सवाल पूछिए उन नेताओं से, जो खुद आपातकाल के भुक्तभोगी रहे, क्या आज सत्ता की लालच में सब भूल गए?
जिस इंदिरा गांधी के दौर में संविधान की हत्या कर आपातकाल थोपा गया, आज उसी कांग्रेस की गोद में बैठकर INDIA गठबंधन लोकतंत्र की दुहाई दे रहा है!
— Lok Janshakti Party (Ramvilas) (@LJP4India) June 29, 2025
सवाल पूछिए RJD के नेताओं से, जो कभी आपातकाल के खिलाफ जेल गए थे, आज उसी कांग्रेस के समर्थन में थकते नहीं।
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चिराग पासवान का तेजस्वी पर निशाना
चिराग पासवान ने आरजेडी और कांग्रेस पर जोरदार प्रहार किया. उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव में भ्रम फैलाया गया कि अगर एनडीए सत्ता में आई तो आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा. सच्चाई ये है कि संविधान की हत्या कांग्रेस ने 1975 में आपातकाल लगाकर की थी. आज वही लोग आरक्षण और संविधान की दुहाई दे रहे हैं.” उन्होंने तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा, “वो कहते हैं 20 महीने में 20 साल का काम किया, लेकिन वो ये नहीं बताते कि उसी कलम से लोगों की जमीनें कैसे लिखवा ली गईं. अब फिर वादे कर रहे हैं, अगली बार न जाने क्या लिखवाएंगे.”
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