रूस ने रक्षा क्षेत्र में रचा इतिहास, Su-57M ने पहली बार AI सिस्टम के साथ भरी उड़ान, जानें इसकी ताकत

    रूस ने अपनी वायु शक्ति के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, पहली बार AI-संचालित Su-57M स्टील्थ फाइटर जेट को आसमान में उतारा है.

    Russian Su-57M flew for the first time with AI system
    Su-57M/Photo- Wikipedia

    मॉस्को: रूस ने अपनी वायु शक्ति के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, पहली बार AI-संचालित Su-57M स्टील्थ फाइटर जेट को आसमान में उतारा है. यह उड़ान 15 मई को सफलतापूर्वक पूरी की गई और इसे रूसी एविएशन क्षेत्र में “क्रांतिकारी परिवर्तन” के रूप में देखा जा रहा है.

    यह विमान रूस के यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (UAC) और सुखोई डिजाइन ब्यूरो की संयुक्त परियोजना है, जिसे भविष्य के बहु-भूमिका (multirole) लड़ाकू अभियानों के लिए तैयार किया गया है.

    AI के साथ उड़ान

    Su-57M में एकीकृत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम विमान को उड़ान, नेविगेशन और मुकाबले में बेहतर स्वायत्तता देता है. विशेषज्ञों के अनुसार, यह न केवल पायलट का बोझ कम करता है, बल्कि मिशन की सफलता की संभावना भी कई गुना बढ़ाता है.

    टेस्ट पायलट सर्गेई बोगदान ने इसे "रूसी वायुसेना की भविष्य की दिशा" बताया, जो हवाई वर्चस्व, जमीनी लक्ष्यों और समुद्री अभियानों के लिए समान रूप से उपयुक्त है.

    Su-57M: रूस की पांचवीं पीढ़ी

    Su-57M, मूल Su-57 का उन्नत संस्करण है, जो PAK FA प्रोग्राम के अंतर्गत विकसित हुआ था. इसकी पहली उड़ान 2010 में हुई और 2020 से इसे सीमित संख्या में सेवा में शामिल किया गया. हालांकि शुरुआती चरण में उत्पादन में देरी और तकनीकी चुनौतियों ने इसकी प्रगति को प्रभावित किया.

    Su-57M में अब एक नया इंजन, उन्नत स्टील्थ फीचर, लंबी दूरी के रडार, और आधुनिक मिशन सिस्टम शामिल किए गए हैं. इन क्षमताओं के साथ यह अमेरिकी F-22 रैप्टर और F-35 लाइटनिंग II जैसे विमानों के समकक्ष खड़ा होने की तैयारी में है.

    रूस के पास कितने Su-57 फाइटर जेट?

    UAC के प्रमुख यूरी स्लीसर के अनुसार, 2023 तक केवल 12 Su-57 विमान ही रूसी वायुसेना को सौंपे गए थे. हालांकि 2024 में 20 अतिरिक्त यूनिट्स के निर्माण की योजना थी, लेकिन इस पर अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

    Su-57M, जिसे “Project Megapolis” के अंतर्गत तैयार किया गया है, इन प्रारंभिक कमियों को दूर करने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है.

    भारत के लिए क्या है संभावनाएं?

    एयरो इंडिया 2025 के दौरान रूस ने भारत को Su-57E का को-प्रोडक्शन ऑफर दिया, जो Su-30MKI के मौजूदा ढांचे का उपयोग करते हुए तैयार किया जा सकता है. हालांकि, भारत वर्तमान में अपने स्वदेशी AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) प्रोजेक्ट पर केंद्रित है, और आत्मनिर्भरता की दिशा में स्पष्ट रूप से बढ़ रहा है.

    इसके बावजूद, भारत की तात्कालिक सामरिक जरूरतें विशेषकर चीन और पाकिस्तान से जुड़ी दोहरे मोर्चे की चुनौतियों, ऐसे संकेत देती हैं कि भारत सीमित संख्या में Su-57 विमान खरीदने पर विचार कर सकता है.

    विश्लेषकों के अनुसार, यदि रूस तकनीकी ट्रांसफर, रखरखाव सहयोग और सॉफ्टवेयर स्वतंत्रता के मुद्दों पर लचीलापन दिखाता है, तो भारत इस दिशा में आगे बढ़ सकता है.

    एआई और हाइब्रिड वॉरफेयर युग

    Su-57M का AI-संचालित सिस्टम भविष्य के नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर, ड्रोन इंटीग्रेशन, और साइबर-रेजिस्टेंट मिशन प्रोफाइल के लिए एक टेस्टबेड बन सकता है. ऐसे प्लेटफॉर्म भारत जैसे देशों के लिए आकर्षक हैं, जो अपनी वायु सेना को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस करना चाहते हैं.

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