मध्य पूर्व में ईरान और इज़रायल के बीच तनावपूर्ण हालात के बीच एक नई हलचल ने वैश्विक चिंताओं को और गहरा कर दिया है. हाल ही में तेहरान एयरपोर्ट पर एक चीनी कार्गो विमान की रहस्यमयी लैंडिंग ने अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस विमान ने अपने ट्रांसपॉन्डर बंद कर रखे थे—यानी वह जानबूझकर रडार से छिपता हुआ उड़ रहा था.
अमेरिका भी चुप नहीं बैठा
इस घटना को गुप्त सैन्य सहयोग से जोड़कर देखा जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह विमान हथियार या अन्य संवेदनशील सैन्य सामग्री लेकर ईरान पहुंचा हो सकता है. चीन और ईरान के बीच लंबे समय से चली आ रही रणनीतिक साझेदारी को देखते हुए यह आशंका और भी पुख्ता हो जाती है.
इस बीच अमेरिका भी चुप नहीं बैठा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को सीधे शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर वह उकसावे की कार्रवाई करता है तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. ऐसे में चीन द्वारा ईरान की खुलकर पक्षधरता करना और संभावित रूप से सैन्य मदद पहुंचाना, अमेरिका और इज़रायल दोनों के लिए चिंता का विषय बन गया है.
ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के खिलाफ है चीन
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने पहले ही साफ कर दिया था कि उनका देश ईरान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के पक्ष में खड़ा है. उन्होंने इज़रायली हमलों पर चिंता जताते हुए कहा कि चीन "ऑपरेशन राइजिंग लॉयन" जैसे सैन्य अभियानों के गंभीर नतीजों को लेकर चिंतित है और किसी भी ऐसे कदम का विरोध करता है जो क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ाए.
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