छत्तीसगढ़ में BJP सरकार का कैबिनेट विस्तार, 3 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ, जानें किसे मिला कौन-सा विभाग

    छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बुधवार, 20 अगस्त को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया. राजधानी रायपुर के राजभवन में राज्यपाल रमेन डेका ने बीजेपी के तीन विधायकों राजेश अग्रवाल, गुरु खुशवंत साहेब और गजेंद्र यादव को मंत्री पद की शपथ दिलाई.

    Chhattisgarh cabinet expansion Rajesh Agrawal Guru Khushwant Saheb and Gajendra Yadav allocated portfolios
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    Chhattisgarh Cabinet Expansion: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बुधवार, 20 अगस्त को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया. राजधानी रायपुर के राजभवन में राज्यपाल रमेन डेका ने बीजेपी के तीन विधायकों राजेश अग्रवाल, गुरु खुशवंत साहेब और गजेंद्र यादव को मंत्री पद की शपथ दिलाई. इस विस्तार के बाद मंत्रिमंडल में कुल मंत्रियों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है.

    नए मंत्रियों को मिले अहम विभाग

    शपथ ग्रहण के बाद नए मंत्रियों को जिम्मेदारियां भी सौंपी गईं. गजेंद्र यादव को स्कूल शिक्षा, ग्राम उद्योग, विधि एवं विधायी कार्य विभाग मिले हैं. गुरु खुशवंत साहेब को कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग सौंपा गया है. राजेश अग्रवाल पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के प्रभारी होंगे.

    मुख्यमंत्री का विश्वास और शुभकामना संदेश

    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नए मंत्रियों को बधाई दी और उम्मीद जताई कि वे अपनी निष्ठा और कुशलता से प्रदेश के विकास एवं सुशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. उन्होंने कहा कि यह विस्तार छत्तीसगढ़ की जनहित की दिशा में एक मजबूत कदम है.

    अन्य विभागों में बदलाव

    इस विस्तार के साथ ही कुछ विभागों में भी फेरबदल हुआ है. उपमुख्यमंत्री अरुण साव को अब खेल युवा कल्याण विभाग की जिम्मेदारी भी दी गई है. वहीं राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा से यह विभाग हटाकर उन्हें उच्च शिक्षा विभाग सौंपा गया है. मंत्री लखन लाल देवांगन को आबकारी विभाग की जिम्मेदारी मिली है.

    संवैधानिक सीमा के तहत मंत्रिमंडल का आकार

    छत्तीसगढ़ में अब कुल 14 मंत्री हैं, जो विधानसभा के कुल सदस्यों का लगभग 15 प्रतिशत है. यह ‘हरियाणा मॉडल’ के अनुरूप है, जहां 90 सदस्यों वाली विधानसभा में मुख्यमंत्री सहित 14 मंत्री होते हैं. संवैधानिक नियमों के अनुसार, मंत्रिपरिषद का आकार विधानसभा की कुल संख्या का 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता. 

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