क्या ChatGPT से होने वाली बातचीत रहती है प्राइवेट? कंपनी ने किया चौंकाने वाला खुलासा, जानें

    चैटजीपीटी आजकल लोगों का हर तरह का साथी बन गया है चाहे प्रोफेशनल सलाह हो या पर्सनल बातें. लेकिन अगर आप सोचते हैं कि इस एआई चैटबॉट के साथ आपकी बातचीत पूरी तरह गोपनीय है, तो यह खुलासा आपके लिए चौंकाने वाला हो सकता है.

    Chats on ChatGPT aren’t private OpenAI may read and report conversations to the police
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    चैटजीपीटी आजकल लोगों का हर तरह का साथी बन गया है चाहे प्रोफेशनल सलाह हो या पर्सनल बातें. लेकिन अगर आप सोचते हैं कि इस एआई चैटबॉट के साथ आपकी बातचीत पूरी तरह गोपनीय है, तो यह खुलासा आपके लिए चौंकाने वाला हो सकता है. चैटजीपीटी की निर्माता कंपनी ओपनएआई ने हाल ही में बताया कि वह यूजर्स की चैट्स की समीक्षा करती है और संभावित खतरों की स्थिति में जानकारी पुलिस के साथ साझा कर सकती है. इस बयान ने न केवल प्राइवेसी को लेकर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि एआई की स्वायत्तता और डेटा के दुरुपयोग की चिंताओं को भी हवा दी है. आइए, इस मामले को गहराई से समझते हैं.

    ओपनएआई की निगरानी प्रक्रिया

    ओपनएआई ने अपने ब्लॉग में स्पष्ट किया है कि चैटजीपीटी के साथ होने वाली बातचीत पूरी तरह गोपनीय नहीं है. कंपनी ने बताया कि उसका सिस्टम संभावित हिंसक या खतरनाक सामग्री को पकड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यदि कोई यूजर चैटबॉट के साथ ऐसी बातचीत करता है, जिसमें दूसरों को नुकसान पहुंचाने की योजना या इरादा जाहिर हो, तो यह चैट स्वचालित रूप से एक विशेष रिव्यू टीम के पास भेजी जाती है. यह टीम मामले की गंभीरता का आकलन करती है और जरूरत पड़ने पर स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सूचित करती है. ओपनएआई का कहना है कि यह कदम उपयोगकर्ताओं और समाज की सुरक्षा के लिए उठाया जाता है, लेकिन इस प्रक्रिया ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

    प्राइवेसी पर उठते सवाल

    ओपनएआई के इस खुलासे के बाद यूजर्स के बीच प्राइवेसी को लेकर बेचैनी बढ़ गई है. अधिकांश लोग चैटजीपीटी को एक निजी सहायक की तरह देखते हैं, जहां उनकी बातचीत सुरक्षित रहती है. लेकिन कंपनी का यह बयान दर्शाता है कि आपकी चैट्स न केवल पढ़ी जा सकती हैं, बल्कि तीसरे पक्ष के साथ साझा भी की जा सकती हैं. कई यूजर्स ने सवाल उठाया है कि क्या उनकी निजी बातचीत की गोपनीयता का सम्मान किया जाएगा. इसके अलावा, यह भी अस्पष्ट है कि ओपनएआई यूजर्स की लोकेशन कैसे ट्रैक करती है और किन आधारों पर चैट्स को खतरनाक माना जाता है. यह प्रक्रिया पारदर्शिता की कमी को उजागर करती है, जो यूजर्स के विश्वास को प्रभावित कर सकती है.

    एआई की स्वायत्तता पर बहस

    ओपनएआई के दावे कि चैट्स की समीक्षा के लिए मानव रिव्यूअर्स की मदद ली जाती है, ने एक और विवाद को जन्म दिया है. कई आलोचकों का कहना है कि अगर चैटजीपीटी पूरी तरह से स्वचालित और आत्म-निर्भर टूल है, तो मानव हस्तक्षेप की जरूरत क्यों पड़ती है? यह सवाल एआई की विश्वसनीयता और तकनीकी क्षमता पर भी उठता है. विशेषज्ञों का मानना है कि एआई के जवाबों को पूरी तरह से स्वचालित करने की बजाय, मानव समीक्षा की प्रक्रिया से गलतियों की संभावना बढ़ सकती है. साथ ही, यह भी चिंता का विषय है कि क्या एआई हर संदर्भ को सही से समझ पाता है या नहीं, क्योंकि सांस्कृतिक और भाषाई बारीकियां भ्रामक हो सकती हैं.

    डेटा दुरुपयोग की आशंका

    सबसे बड़ा सवाल जो इस खुलासे से उभरा है, वह है डेटा के दुरुपयोग की संभावना. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर कोई व्यक्ति दुर्भावनापूर्ण तरीके से किसी अन्य यूजर के खिलाफ हिंसक धमकी की बातचीत शुरू करता है, तो यह निर्दोष व्यक्तियों को फंसाने का जरिया बन सकता है. उदाहरण के लिए, कोई हैकर या प्रतिद्वंद्वी किसी और के नाम से चैट शुरू कर सकता है, जिसके आधार पर ओपनएआई गलत व्यक्ति की जानकारी पुलिस को दे दे. इससे न केवल निजता का उल्लंघन होगा, बल्कि निर्दोष लोग भी मुश्किल में पड़ सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी प्रक्रियाओं में मजबूत सत्यापन तंत्र की जरूरत है ताकि गलत इस्तेमाल को रोका जा सके.

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