सावधान! आपके फोन पर मंडरा रहा साइबर अटैक का खतरा, Android यूजर्स के लिए सरकार ने जारी किया बड़ा अलर्ट

    आपका एंड्रॉयड फोन आपकी जिंदगी का अहम हिस्सा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक छोटी सी खामी हैकर्स के लिए खुला द्वार खोल सकती है? भारत की साइबर सिक्योरिटी एजेंसी CERT-In ने हाल ही में एक गंभीर चेतावनी जारी की है, जिसमें एंड्रॉयड के लेटेस्ट वर्जन्स में पाई गईं कई हाई-रिस्क वल्नरेबिलिटीज का जिक्र है.

    CERT Warns Billions of Android Devices at High Risk Android 15 & 16 Most Affected
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    नई दिल्ली: आपका एंड्रॉयड फोन आपकी जिंदगी का अहम हिस्सा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक छोटी सी खामी हैकर्स के लिए खुला द्वार खोल सकती है? भारत की साइबर सिक्योरिटी एजेंसी CERT-In ने हाल ही में एक गंभीर चेतावनी जारी की है, जिसमें एंड्रॉयड के लेटेस्ट वर्जन्स में पाई गईं कई हाई-रिस्क वल्नरेबिलिटीज का जिक्र है. ये खामियां इतनी गंभीर हैं कि हैकर्स आपके डेटा को चुरा सकते हैं या फोन पर कंट्रोल हथिया सकते हैं. अगर आप Android 13 से 16 चला रहे हैं, तो ये अलर्ट आपके लिए है. आइए, इस खतरे को समझें और बचाव के उपाय जानें.

    कौन से एंड्रॉयड वर्जन्स पर असर?

    CERT-In की रिपोर्ट के अनुसार, ये सिक्योरिटी फ्लॉज Android 13, 14, 15 और 16 वर्जन्स को प्रभावित कर रही हैं. समस्या एंड्रॉयड के कोर कंपोनेंट्स जैसे फ्रेमवर्क, रनटाइम, सिस्टम, वाइडवाइन DRM, प्रोजेक्ट मेनलाइन, कर्नेल, क्वालकॉम, मीडियाटेक, आर्म और इमेजिनेशन टेक्नोलॉजीज के पार्ट्स में फैली हुई है. इतने सारे लेयर्स पर खामियां होने से खतरा कई गुना बढ़ जाता है, क्योंकि ये सिस्टम के हर कोने को टच करती हैं. 

    खतरे की गंभीरता क्या है?

    ये वल्नरेबिलिटीज 'हाई सिवियरिटी' कैटेगरी में हैं, यानी अगर हैकर्स इन्हें एक्सप्लॉइट कर लें, तो वे आपके फोन का डेटा चुरा सकते हैं, प्रिविलेजेस बढ़ा सकते हैं, मनमाना कोड रन कर सकते हैं या डिवाइस को क्रैश करा सकते हैं. आसान शब्दों में, आपका निजी डेटा, फोटोज, बैंकिंग डिटेल्स सब खतरे में पड़ सकते हैं. CERT-In ने चेतावनी दी है कि ये फ्लॉज रिमोट कोड एक्जीक्यूशन या डिनायल ऑफ सर्विस अटैक को आसान बना सकती हैं, जिससे आपका फोन पूरी तरह असुरक्षित हो जाएगा. 

    समस्या का समाधान क्या?

    गूगल ने इन खामियों को फिक्स करने के लिए सिक्योरिटी पैच जारी कर दिया है. सितंबर 2025 के एंड्रॉयड सिक्योरिटी बुलेटिन में ये पैच डिटेल्ड हैं, जो CVE-2025-38352 और CVE-2025-48543 जैसी एक्टिवली एक्सप्लॉइट हो रही वल्नरेबिलिटीज को कवर करते हैं. लेकिन गूगल डायरेक्ट यूजर्स तक अपडेट नहीं पहुंचा सकता. सैमसंग (वन यूआई), वनप्लस (ऑक्सीजनओएस), शाओमी (हाइपरओएस) जैसी कंपनियां अपनी कस्टम स्किन के साथ पैच रोलआउट करेंगी. इसलिए, इन मैन्युफैक्चरर्स पर जल्दी एक्शन लेने की जिम्मेदारी है. 

    यूजर्स को क्या कदम उठाने चाहिए?

    सबसे जरूरी है तुरंत सिक्योरिटी अपडेट चेक करें और इंस्टॉल करें. सेटिंग्स > सिस्टम > सिस्टम अपडेट में जाकर देखें कि नया पैच उपलब्ध है या नहीं. अपडेट करने से आपका फोन हैकर्स के निशाने से बच जाएगा. CERT-In की सलाह है कि अनट्रस्टेड ऐप्स न इंस्टॉल करें, फिशिंग लिंक्स से बचें और 2FA इनेबल रखें. अगर अपडेट न आए, तो मैन्युफैक्चरर से संपर्क करें. समय रहते एक्शन न लें, तो आपका डिवाइस खतरे में पड़ सकता है. 

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