इस्लामाबाद: पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सुरक्षा बलों को एक बार फिर गंभीर झटका लगा है. बोलन क्षेत्र में एक सैन्य काफिले पर हुए घातक हमले में 6 सैनिकों की मौत हो गई है, जिनमें एक अधिकारी भी शामिल है. यह हमला तब हुआ जब सैन्य दल इलाके में नियमित गश्त पर था.
सेना के मुताबिक, बलोच विद्रोहियों ने सैन्य वाहन को निशाना बनाते हुए विस्फोटक से हमला किया, जिससे वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और घटनास्थल पर ही कई जवान शहीद हो गए.
घायल जवानों की हालत गंभीर
इस हमले में कई जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं. उन्हें पास के अस्पतालों में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए कराची ले जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है. सेना ने पूरे क्षेत्र को सील कर दिया है और हमलावरों की तलाश में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है.
हालांकि, स्थानीय भूगोल पहाड़ी इलाका और घना अंधकार अभियान में बड़ी बाधाएं उत्पन्न कर रहा है.
बोलन: विद्रोही गतिविधियों का केंद्र
बोलन क्षेत्र को लंबे समय से बलूच विद्रोही गुटों, खासकर बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) का मजबूत गढ़ माना जाता है. प्राकृतिक गुफाएं और दुर्गम पर्वतीय भूभाग सुरक्षा बलों के लिए चुनौतीपूर्ण बनाते हैं. स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, विद्रोही गुटों ने इलाके में सशस्त्र नियंत्रण स्थापित कर रखा है, जिससे सेना की स्थायी मौजूदगी सुनिश्चित करना मुश्किल हो रहा है.
यह वही इलाका है जहां मार्च 2025 में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक की घटना हुई थी, जिसकी जिम्मेदारी भी BLA ने ली थी. उस घटना में भी सुरक्षा एजेंसियों को विद्रोहियों से निपटने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी.
सुरक्षा नीति पर उठते सवाल
लगातार हो रहे हमले और बढ़ती विद्रोही गतिविधियों ने बलूचिस्तान में पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा नीति को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि बलूचिस्तान में स्थिरता के लिए सिर्फ सैन्य कार्रवाई पर्याप्त नहीं है; इसके साथ राजनीतिक संवाद, स्थानीय सशक्तिकरण और विकास परियोजनाओं की भी आवश्यकता है.
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