BJP के नए अध्यक्ष के चुनाव में कई रोड़े! PM मोदी ने खुद संभाला मोर्चा... अब निकलेगा समाधान?

    भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में हो रही देरी को देखते हुए अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमान संभाल ली है.

    BJP president election PM Modi took charge
    पीएम मोदी | Photo: ANI

    भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में हो रही देरी को देखते हुए अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमान संभाल ली है. बुधवार को उन्होंने अपने आवास पर अमित शाह, राजनाथ सिंह और बीएल संतोष समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ लंबी बैठक की. इस बैठक का मकसद था—उन राज्यों की चुनावी प्रक्रिया को जल्द पूरा करना, जिनकी वजह से राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अटका हुआ है.

    क्या है वजह देरी की?

    भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी संभव होता है जब सभी राज्यों के संगठन चुनाव पूरे हो जाएं. क्योंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल (Electoral College) द्वारा होता है, जिसमें राज्य परिषदों के सदस्य शामिल होते हैं. अभी कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, हिमाचल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में संगठन चुनाव नहीं हो पाए हैं.

    इसी कारण जेपी नड्डा का कार्यकाल जो जनवरी 2023 में खत्म होना था, उसे पहले लोकसभा चुनाव तक और फिर 13 मार्च को 40 दिन के लिए और बढ़ा दिया गया. यह अवधि अब 23 अप्रैल को खत्म हो रही है, इसलिए अब पार्टी के पास बहुत कम समय बचा है.

    पीएम मोदी की बैठक से निकला समाधान

    बैठक में यह तय किया गया कि अगले दो-तीन दिनों में करीब आधा दर्जन राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के नामों की घोषणा की जाएगी. इन नामों के फाइनल होते ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया भी 20 अप्रैल के आसपास शुरू हो जाएगी.

    सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात में प्रदेश अध्यक्षों के नामों पर सहमति बन चुकी है. वहीं, यूपी जैसे राज्यों में अभी जातीय समीकरणों को लेकर मंथन जारी है कि नया अध्यक्ष दलित, पिछड़े वर्ग से हो या सवर्ण समुदाय से.

    नए अध्यक्ष से तय होगी बीजेपी की दिशा

    भाजपा के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष सिर्फ एक पद नहीं, बल्कि भविष्य की रणनीति तय करने वाला नेतृत्व होता है. जो भी नया अध्यक्ष बनेगा, वह 2029 के लोकसभा चुनाव तक पार्टी की कमान संभालेगा. इसके साथ ही पार्टी उसे संगठन में नए चेहरे लाने की जिम्मेदारी भी देगी.

    पार्टी चाहती है कि नए अध्यक्ष के साथ संगठन में 50% पद युवा नेताओं को मिलें और महिलाओं की भागीदारी भी बढ़े. साथ ही नेतृत्व ऐसा हो जो संघ का पसंदीदा हो और मोदी-शाह की टीम का भरोसेमंद भी.

    नए अध्यक्ष की अग्निपरीक्षा

    नए अध्यक्ष की पहली बड़ी परीक्षा होगी—बिहार, केरल, तमिलनाडु, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव. इनमें से ज्यादातर राज्यों में बीजेपी या तो सत्ता में नहीं है या कभी सरकार नहीं बना पाई. इसलिए नए अध्यक्ष को सबसे पहले इन्हीं कठिन राज्यों में खुद को साबित करना होगा.

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