उत्तराखंड पंचायत चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत, 200 सीटों से अधिक पर फहराया भगवा

    Uttarakhand Panchayat elections Result: उत्तराखंड में हाल ही में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के नतीजों ने राज्य की सियासत को नई दिशा दे दी है. भले ही ये चुनाव निर्दलीय रूप में लड़े गए हों, लेकिन नतीजों से साफ झलक रहा है कि जनता का रुझान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में रहा है.

    BJP big victory in Uttarakhand Panchayat elections saffron flag hoisted on more than 200 seats
    Image Source: ANI/ File

    Uttarakhand Panchayat elections Result: उत्तराखंड में हाल ही में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के नतीजों ने राज्य की सियासत को नई दिशा दे दी है. भले ही ये चुनाव निर्दलीय रूप में लड़े गए हों, लेकिन नतीजों से साफ झलक रहा है कि जनता का रुझान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में रहा है.

    358 जिला पंचायत सीटों में से 200 से अधिक सीटों पर भाजपा समर्थित उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस समर्थित 83 उम्मीदवार विजयी हुए हैं. बाकी सीटों पर जीतने वाले अनेकों निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की है.

    भाजपा की बड़ी जीत के पीछे क्या हैं वजहें?

    राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा को यह जीत कुछ ठोस और ज़मीनी कामों की वजह से मिली है, जैसे:

    युवाओं को रोजगार देने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी की सक्रिय पहल

    पर्वतीय इलाकों में स्वरोजगार और होमस्टे योजनाओं को बढ़ावा

    महिलाओं के लिए सुरक्षा और स्वावलंबन योजनाएं

    चारधाम यात्रा का सफल आयोजन और बेहतर व्यवस्थाएं

    भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख और त्वरित कार्रवाई

    नेताओं के परिजन हुए पराजित...

    हालांकि जीत के इस माहौल के बीच, भाजपा को कुछ सियासी झटके भी लगे हैं. कई विधायकों और नेताओं के परिजनों को जनता ने नकार दिया. लैंसडौन विधायक दलीप रावत की पत्नी नीतू देवी को 411 वोटों से हार का सामना करना पड़ा. सल्ट विधायक महेश जीना के बेटे करन जीना भी बबलिया सीट से हार गए. नैनीताल विधायक सरिता आर्य के बेटे मोहित आर्य भी चुनाव हार गए. भाजपा में हाल ही में शामिल हुए पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी की पत्नी रजनी भंडारी को भी चमोली जिले में हार झेलनी पड़ी.

    पार्टी का इनसे कोई लेना-देना नहीं

    इन हारों पर जब भाजपा से सवाल किए गए, तो प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने स्पष्ट कहा कि पार्टी ने किसी भी प्रत्याशी को 'परिवारवाद' के आधार पर समर्थन नहीं दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा योग्यता और संगठनात्मक कार्यशैली में विश्वास रखती है, न कि रिश्तेदारी पर.

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