भारत के खौफ से बिलावल ने अपने परिवार को विदेश भगाया, मुनीर भी बुर्के में घुसा! पाकिस्तान में हड़कंप

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. 26 निर्दोष हिंदू तीर्थयात्रियों की निर्मम हत्या के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में तीव्र तनाव पैदा हो गया है.

    Bilawal Munir family left Pakistan LoC
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. 26 निर्दोष हिंदू तीर्थयात्रियों की निर्मम हत्या के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में तीव्र तनाव पैदा हो गया है. इस जघन्य हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है, जिसे भारत ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का प्रत्यक्ष प्रमाण बताया है.

    भारत ने इस हमले के बाद सैन्य और कूटनीतिक मोर्चों पर सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. अटारी-वाघा बॉर्डर को अस्थायी रूप से बंद करने और सिंधु जल संधि को निलंबित करने जैसे बड़े फैसले लिए गए हैं. सीमाओं पर सैन्य गतिविधियां तेज कर दी गई हैं और सेना को पूरी तरह अलर्ट मोड पर रखा गया है.

    राजनीतिक और सैन्य बैठकें तेज़, सुरक्षा रणनीति पर मंथन

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जो लगभग 45 मिनट तक चली. इस अहम बैठक में जवाबी कार्रवाई की संभावनाओं पर गंभीर चर्चा हुई. इससे पहले CDS जनरल अनिल चौहान और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ भी बैठकें हुईं, जिनमें एलओसी पर सेना की तैनाती और ऑपरेशनल तैयारियों पर ध्यान दिया गया.

    पाकिस्तान में खलबली, अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा

    भारत की कठोर प्रतिक्रिया से पाकिस्तान में घबराहट साफ नजर आ रही है. पाकिस्तानी नेताओं ने अपने परिवारों को देश से बाहर भेजना शुरू कर दिया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यह खबर ट्रेंड कर रही है कि पाकिस्तानी सेना और राजनेता भारत की संभावित कार्रवाई से डरे हुए हैं. भारत के सख्त रुख से डरे पाकिस्तानी पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने अपने परिवार को कनाडा भेज दिया. इससे पहले, पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने भी अपने परिवार को देश से बाहर भेजा था.

    दूसरी ओर, लंदन, पेरिस, न्यूयॉर्क, और मेलबर्न समेत कई शहरों में भारतीय समुदाय और स्थानीय नागरिकों ने पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किए. नारे लगे—"पाकिस्तान आतंक का गढ़ है, अब जवाब दो!" भारत के समर्थन में वैश्विक समुदाय की आवाज़ बुलंद हो रही है.

    कूटनीतिक हलचल और वैश्विक प्रतिक्रियाएं

    ईरान, सऊदी अरब और यूके ने भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने की अपील की है. ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कहा कि उनका देश आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है, लेकिन युद्ध नहीं चाहता. वहीं यूके के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री से बातचीत कर तनाव कम करने का आग्रह किया.

    कश्मीर में आतंकियों पर बड़ी कार्रवाई

    भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने बीते 24 घंटों में कश्मीर में चार आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया है. TRF के दो प्रमुख आतंकियों के घरों को विस्फोट से उड़ाया गया है, और तीन दिनों में कुल 10 ठिकानों पर कार्रवाई की गई है. बैसरन घाटी में NIA की टीम ने जांच तेज कर दी है.

    कनाडा की चुप्पी पर उठे सवाल

    जहां अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और तुर्की ने हमले की निंदा करते हुए भारत के साथ एकजुटता जताई है, वहीं कनाडा की खामोशी चर्चा का विषय बन गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारत-कनाडा के मौजूदा राजनयिक तनाव का परिणाम हो सकता है.

    पाकिस्तान की 'जांच में रूस-चीन को जोड़ने' की मांग पर भारत का पलटवार

    पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने रूस और चीन को पहलगाम हमले की जांच में शामिल करने की बात कही है. भारत ने इसे पाकिस्तान की हताशा करार देते हुए कहा है कि वह अपनी संलिप्तता छिपाने की कोशिश कर रहा है.

    सोशल मीडिया पर चर्चा गरम

    पहलगाम हमले पर कांग्रेस पार्टी में भी आंतरिक मतभेद उभरकर सामने आए हैं. सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘कोई भी खुफिया तंत्र 100% फुलप्रूफ नहीं होता. हमें मौजूदा संकट में सरकार से जवाबदेही नहीं मांगनी चाहिए. उनके इस बयान पर कांग्रेस सांसद उदित राज ने तंज कसते हुए कहा, ‘क्या शशि थरूर बीजेपी के प्रवक्ता हो गए हैं?

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