पटना: बिहार में औद्योगिक विकास को नई रफ्तार देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने ‘औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज-2025’ को कैबिनेट की मंजूरी दे दी है. इस नई नीति का उद्देश्य राज्य में निवेशकों को आकर्षित करना, रोजगार के नए अवसर पैदा करना और औद्योगिक ढांचे को मज़बूत बनाना है.
40 करोड़ तक की ब्याज सब्सिडी
इस नीति के तहत बिहार में औद्योगिक इकाइयों को 40 करोड़ रुपये तक की ब्याज सब्सिडी मिलेगी. यह सहायता राज्य में उद्योग स्थापित करने की लागत को कम कर, उद्यमियों को प्रोत्साहन देने का काम करेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर इस योजना की विस्तृत जानकारी साझा करते हुए बताया कि जो भी उद्यमी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें 31 मार्च 2026 से पहले आवेदन करना होगा.
SGST की प्रतिपूर्ति से लेकर पूंजीगत सब्सिडी तक कई लाभ
नई औद्योगिक इकाइयों को स्वीकृत परियोजना लागत का 300% तक शुद्ध SGST की प्रतिपूर्ति 14 वर्षों तक दी जाएगी. साथ ही, 30% तक पूंजीगत सब्सिडी का भी प्रावधान किया गया है. निर्यात बढ़ावा देने के लिए 40 लाख रुपये प्रतिवर्ष की सहायता दी जाएगी, जिसकी अवधि भी 14 वर्षों तक होगी. इसके अलावा स्टाम्प ड्यूटी, भूमि रूपांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति, कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को भी बढ़ावा दिया जाएगा.
नि:शुल्क भूमि आवंटन से मिलेगा आधारभूत समर्थन
राज्य सरकार ने निवेशकों को भूमि आवंटन में भी बड़ी राहत दी है. 100 करोड़ रुपये से अधिक निवेश और 1,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार देने वाली इकाइयों को 10 एकड़ भूमि नि:शुल्क दी जाएगी. 1,000 करोड़ से अधिक निवेश करने वालों को 25 एकड़ भूमि दी जाएगी. फॉर्च्यून 500 कंपनियों को भी 10 एकड़ भूमि नि:शुल्क आवंटित की जाएगी.
50 लाख से अधिक की परियोजना लागत होगी पात्रता की शर्त
इस नीति का लाभ लेने के लिए उद्यमियों की परियोजना लागत न्यूनतम 50 लाख रुपये होनी चाहिए. साथ ही, परियोजना का कार्यान्वयन 31 मार्च 2027 से पहले माइलस्टोन तक पहुंच जाना चाहिए.
पुरानी इकाइयों को भी विस्तार में मिलेगा लाभ
जो इकाइयां पहले 2016 की नीति के तहत लाभ उठा चुकी हैं और अब विस्तार करना चाहती हैं, वे भी 2025 की विस्तार श्रेणी के तहत प्रोत्साहन प्राप्त कर सकेंगी. वहीं जिन इकाइयों ने पुराने पैकेज के अंतर्गत आवेदन तो किया था, लेकिन कोई व्यावसायिक उत्पादन शुरू नहीं किया, उन्हें नए सिरे से आवेदन करना होगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस नए औद्योगिक पैकेज 2025 से पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने में सहायता मिलेगी. इस पहल का उद्देश्य है कि बिहार में उद्योगों को और ज्यादा बढ़ावा मिले. बिहार के युवा दक्ष एवं आत्मनिर्भर हों तथा उन्हें राज्य के अंदर ही अधिक से अधिक रोजगार मिले एवं उनका भविष्य सुरक्षित हो सके.
ये भी पढ़ें: बिहार में 7047 किसान सलाहकारों की बल्ले-बल्ले, नीतीश सरकार ने बढ़ाया मानदेय, अब हर महीने मिलेंगे इतने रुपये