बिहार के किसानों की मौज, नीतीश सरकार प्याज के बीज पर दे रही सब्सिडी, जानिए कैसे मिलेगा फायदा

    Bihar Government Onion Scheme: बिहार सरकार ने राज्य के किसानों की आमदनी बढ़ाने और उन्हें नकदी फसलों की ओर प्रोत्साहित करने के लिए एक शानदार पहल की है. अब किसानों को प्याज की खेती के लिए बीज पर भारी सब्सिडी मिलेगी.

    Bihar Government Onion Scheme Subsidized Seeds for Farmers a Big Opportunity to Boost Income
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    Bihar Government Onion Scheme: बिहार सरकार ने राज्य के किसानों की आमदनी बढ़ाने और उन्हें नकदी फसलों की ओर प्रोत्साहित करने के लिए एक शानदार पहल की है. अब किसानों को प्याज की खेती के लिए बीज पर भारी सब्सिडी मिलेगी, जिससे उत्पादन बढ़ेगा और कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकेगा.

    75% सब्सिडी के साथ अनुदान पर मिलेगा बीज 

    सरकार की "प्याज क्षेत्र विस्तार योजना" के तहत किसानों को खरीफ और रबी दोनों मौसम में प्याज का बीज अनुदानित दर पर दिया जाएगा. प्रति हेक्टेयर 10 किलो बीज पर 75% तक सब्सिडी मिलेगी. एक किलो प्याज बीज की कीमत ₹2,450 है, यानी 10 किलो बीज की लागत ₹24,500 होती है. लेकिन सब्सिडी मिलने के बाद किसानों को सिर्फ ₹6,125 खर्च करने होंगे.

    दो हेक्टेयर तक आवेदन की अनुमति

    इस योजना में प्रत्येक किसान अधिकतम दो हेक्टेयर (लगभग 5 एकड़) ज़मीन के लिए आवेदन कर सकता है. इससे छोटे और मध्यम किसान भी प्याज की खेती में भागीदारी कर सकेंगे और उन्हें इसका भरपूर लाभ मिलेगा.

    खरीफ और रबी दोनों सीजन में मिलेगा लाभ

    यह योजना सिर्फ एक मौसम तक सीमित नहीं है. किसानों को खरीफ और रबी दोनों सीजन में प्याज की खेती के लिए बीज उपलब्ध कराया जाएगा. खरीफ सीजन में जुलाई में बुआई होती है और फसल अक्टूबर तक तैयार हो जाती है. रबी सीजन की बुआई नवंबर-दिसंबर में होती है और मार्च-अप्रैल तक प्याज की फसल तैयार हो जाती है.

    बांका जिले में तय हुआ लक्ष्य

    बांका जिले में खरीफ सीजन के लिए 10 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया था और 100 किलो बीज का वितरण किया गया. अब रबी सीजन के लिए 20 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है, जिसके अंतर्गत 200 किलो बीज किसानों को दिया जाएगा.

    कैसे करें आवेदन? जानिए प्रक्रिया

    इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को DBT पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. फिर उद्यान निदेशालय के पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. बीज का वितरण "पहले आओ, पहले पाओ" के आधार पर किया जाएगा. नवंबर से बीज वितरण शुरू कर दिया जाएगा ताकि किसान समय से बुआई कर सकें.

    पट्टेदार और बटाईदार किसान भी बन सकते हैं लाभार्थी

    इस योजना की खास बात यह है कि इसका लाभ केवल ज़मीन मालिक किसानों तक ही सीमित नहीं है. पट्टे पर या बटाई पर खेती करने वाले किसान भी इसका लाभ ले सकते हैं. इसके लिए उन्हें एक कृषि एग्रीमेंट दिखाना होगा.

    प्याज की खेती से आमदनी होगी दोगुनी

    कृषि विशेषज्ञों के अनुसार प्याज एक ऐसी फसल है जिसकी बाजार में सालभर मांग बनी रहती है और इसकी कीमत भी अक्सर अन्य फसलों की तुलना में बेहतर रहती है. साल में दो बार प्याज की खेती करने से किसानों को आमदनी दोगुनी करने का मौका मिल सकता है.

    बिहार सरकार का उद्देश्य: आर्थिक रूप से सशक्त किसान

    सरकार का मानना है कि यह योजना सिर्फ प्याज उत्पादन बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए है. सरकार चाहती है कि किसान पारंपरिक खेती से आगे बढ़ें और नकदी फसलों की ओर रुख करें, जिससे वे अधिक लाभ कमा सकें.

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