नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के मालिकों के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला किसी खुशखबरी से कम नहीं है. अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल ऐसे वाहन मालिकों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, जस्टिस विनोद के चंद्रन और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की पीठ ने सुनाया.