केंद्र सरकार ने जाति जनगणना कराने का ऐतिहासिक फैसला लिया है. बुधवार को हुई CCPA (कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स) की अहम बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब जातिगत आंकड़े केवल सर्वे का हिस्सा नहीं, बल्कि आधिकारिक जनगणना का अभिन्न अंग होंगे. इस फैसले को सामाजिक न्याय और पारदर्शिता की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.
अश्विनी वैष्णव ने दी जानकारी
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने जाति जनगणना के मुद्दे को केवल राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया, जबकि उन्होंने असली और पारदर्शी गणना से परहेज़ किया.
#WATCH दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए।" pic.twitter.com/VFD4uxXASQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 30, 2025
उन्होंने बताया कि 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस विषय पर मंत्रिमंडल में चर्चा की जरूरत बताई थी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने उस समय केवल एक जाति सर्वेक्षण कराकर मामला टाल दिया. इसके उलट, मोदी सरकार ने अब साफ कर दिया है कि जाति से जुड़े आंकड़े सीधे तौर पर राष्ट्रीय जनगणना का हिस्सा होंगे, जिससे समाज में व्याप्त भ्रम और संदेह की स्थिति को खत्म किया जा सके.
वैष्णव ने कहा, कांग्रेस की सरकारों ने जाति जनगणना का विरोध किया है. कांग्रेस ने प्रस्ताव के बावजूद सिर्फ सर्वे कराया. कांग्रेस ने अपने लाभ के लिए इसका उपयोग किया. कई राज्यों ने जातिगत जनगणना की है, जिससे भ्रांति फैली है. जाति की गणना मूल जनगणना में शामिल होनी चाहिए
हाई-स्पीड कॉरिडोर परियोजना को मिली मंजूरी
इस बैठक में एक और बड़ा फैसला लिया गया, जिसमें असम और मेघालय को जोड़ने वाली हाई-स्पीड कॉरिडोर परियोजना को मंजूरी दी गई है. सिलचर-शिलांग हाईवे प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने 22,864 करोड़ रुपये के बजट को स्वीकृति दी है. यह न केवल पूर्वोत्तर भारत की कनेक्टिविटी को मजबूती देगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी रफ्तार देगा.
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