GST REFORM: त्योहारी सीज़न से पहले सरकार आम लोगों और कारोबारियों के लिए एक अच्छी खबर लेकर आई है. जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) को लेकर एक नया ढांचा तैयार किया जा रहा है, जो टैक्स सिस्टम को और ज्यादा आसान, पारदर्शी और कारोबारी फ्रेंडली बनाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर ये ऐलान किया कि जीएसटी सुधार दीवाली तक लागू हो सकते हैं. इसके बाद वित्त मंत्रालय ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए मंत्रियों के समूह (GoM) को एक नया प्रस्ताव सौंपा है.
क्या है नए GST ढांचे की खास बात?
वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव में ये तीन मुख्य बातें शामिल हैं:
जीएसटी ढांचे में सुधार
टैक्स दरों को सरल बनाना
लोगों और कारोबारियों का जीवन आसान करना
इस प्रस्ताव के मुताबिक, अब जीएसटी को सिर्फ दो मुख्य स्लैब्स में लाने की बात है, एक स्टैंडर्ड और दूसरा मेरिट रेट. साथ ही, कुछ चुनिंदा जरूरी चीज़ों पर विशेष दरें भी होंगी.
अभी कितने स्लैब हैं और क्या बदलने जा रहा है?
फिलहाल जीएसटी के 4 अलग-अलग स्लैब हैं:
5%
12%
18%
28%
सरकार इन्हें घटाकर 2 मुख्य स्लैब में लाना चाहती है, जिससे टैक्स सिस्टम ज्यादा आसान और व्यवस्थित हो सके. सितंबर में होने वाली जीएसटी काउंसिल मीटिंग में इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला हो सकता है.
बिजनेस और MSMEs को क्या मिलेगा फायदा?
नया जीएसटी सिस्टम खासतौर पर छोटे कारोबारियों, स्टार्टअप्स और MSMEs के लिए फायदेमंद साबित होगा. इसके अंतर्गत:
इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को सुधारा जाएगा
टैक्स क्लासिफिकेशन के विवाद कम होंगे
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और प्री-फिल्ड रिटर्न जैसी सुविधाएं मिलेंगी
एक्सपोर्टर्स को ऑटोमैटेड रिफंड मिलेगा
इससे न सिर्फ समय और संसाधनों की बचत होगी, बल्कि व्यापार की योजना बनाना भी आसान हो जाएगा.
रेवेन्यू और इकोनॉमी पर असर
सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 2024-25 में जीएसटी कलेक्शन 9.4% की बढ़त के साथ 22.08 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. नया टैक्स सिस्टम लागू होने के बाद देश में खपत बढ़ेगी. आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी. फॉर्मल इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा, और साथ ही, राजस्व (Revenue) में भी स्थिर बढ़ोतरी होगी.
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