कैसे बनाया जाएगा विकसित भारत? Bharat 24 Conclave में मनसुख मानडविया ने याद करवाए PM मोदी के वो पांच प्रण

    Bharat 24 Conclave 2025: भारत 24 ने दिल्ली में 'भारत भाग्य निर्माता' विकसित भारत का रोडमैप कॉन्क्लेव का आगाज हो चुका है. यह आयोजन दिल्ली के ताज मानसिंह होटल में आयोजित किया जा रहा है. भारत 24 के इस खास कार्यक्रम में बीजेपी के कई प्रमुख राजनेता पहुंचे.

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    Bharat 24 Conclave 2025: भारत 24 ने दिल्ली में 'भारत भाग्य निर्माता' विकसित भारत का रोडमैप कॉन्क्लेव का आगाज हो चुका है. यह आयोजन दिल्ली के ताज मानसिंह होटल में आयोजित किया जा रहा है. भारत 24 के इस खास कार्यक्रम में बीजेपी के कई प्रमुख राजनेता पहुंचे. केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने इस कार्यक्रम को संबोधित किया और बताया कि युवाओं के लिए सरकार का क्या विजन है? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उन्हें दो शक्तियों को सहयोग करने का मौका मिला है. पहली युवा शक्ति और दूसरी श्रम शक्ति. उन्होंने कहा कि युवा शक्ति की मेहनत, परिश्रम और टैलंट से हम विकसित भारत के सपने को साकार कर सकते हैं. केंद्रीय मंत्री मांडविया ने कहा कि जब हम कुछ विचार करते हैं, तो उससे एक विजन क्रिएट होता है. 

    2022 में PM मोदी ने की थी विकसित भारत की कल्पना 

    केंद्रीय मंत्री बोले कि साल 2022 में 15 अगस्त को लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को विकसित करने की कल्पना की थी. उन्होंने कहा कि साल 2047 तक हमें देश को डेवलप कंट्री बनाना है. इस दौरान उन्होंने कहा कि आखिर विकसित भारत कैसे बनाया जाएगा? पीएम मोदी ने कहा कि देश की 140 करोड़ जनता एकसाथ प्रण लेंगे. इस दौरान 25 साल जब अमृतकाल का समय हो. इस समय में इन पांच संकल्पों पर काम करेंगे तब जाकर विकसित भारत बनेगा. 

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    देश की 140 करोड़ जनता लेगी 5 प्रण 

    उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने भारत को विकसित भारत बनाने के लिए 5 प्रण दिए. पहला प्रण हम विकसित भारत बनाएंगे. दूसरी बात पीएम ने कही कि हमें विकसित भारत बनाना है लेकिन इसके लिए हमें गुलामी की मानसिकता को छोड़ना होगा. मोदी जी ने कहा कि हमें इस गुलामी के प्रतीक को हटाना है. उन्होंने इस दौरान राजपथ के नाम को कर्तव्य पथ करने को लेकर एक किस्सा सुनाया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब 26 जनवरी की परेड यहां होती थी तो इसे राजपथ के नाम से जाना जाता था लेकिन इस लोकतांत्रिक देश में कोई राजा नहीं है. 

    देश की राष्ट्रपति भी राष्ट्रपति भवन में विराजमान होकर अपने कर्तव्य का निरवहन करती हैं. इसलिए इस मार्ग का नाम राजपाथ से बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया. इसी गुलामी की मानसिकता से मुक्ति लाना है.  कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आजादी से पहले जब इंडिया गेट के रास्ते पर जाते थे तो जॉर्ज पंचम का स्टेच्यू लगाया था. लेकिन आज उसकी जगह पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस का स्चेच्यू वहां लगा है. हमें गुलामी की इसी मानकिसकता को दूर करना है. 


    अंग्रेजो ने पार्लियामेंट में बैठकर कई कानून तैयार किए थे. इन्हीं कानूनों पर आज देश पिछले 70 सालों से चलता आ रहा है. लेकिन आज 1500 कानूनों को रीफिल करके भारत के सांसदों द्वारा बनाए गए कानून भारतीय कानूनों का हम देश में लागू करते हैं. उन्होंने कहा कि इसी गुलामी की मानकिसता से मुक्ति दिलाने के लिए पीएम मोदी ने लाल किले से कहा था कि विकसित भारत बनने के लिए हमें कदम से कदम बढ़ाकर आगे बढ़ना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जब एक व्यक्ति एक स्टेप आगे बढ़ता है तो वो केवल वही व्यक्ति एक कदम आगे बढ़ता है. लेकिन जब देश की 140 करोड़ जनता एक साथ कदम से कदम बढ़ाकर आगे चलती है, तो ये देश 140 करोड़ स्टेप आगे बढ़ जाता है. जब कदम से कदम मिलाकर देश चला तभी आज देश की इकोनॉमी भी ग्रो कर रही है. 

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