UP में हैरान कर देने वाला मामला; चाचा-भतीजे ने YouTube देखकर किया पथरी का ऑपरेशन, चली गई महिला की जान

    Barabanki News: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने लोगों को चौंका दिया है. जिले के कोठी कस्बे में अवैध क्लीनिक चला रहे एक चाचा-भतीजे ने कथित तौर पर यूट्यूब वीडियो देखकर पथरी का ऑपरेशन किया, जिससे महिला की मौत हो गई.

    Barabanki Woman dies after kidney stone surgery done by watching YouTube videos
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    Barabanki News: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने लोगों को चौंका दिया है. जिले के कोठी कस्बे में अवैध क्लीनिक चला रहे एक चाचा-भतीजे ने कथित तौर पर यूट्यूब वीडियो देखकर पथरी का ऑपरेशन किया, जिससे महिला की मौत हो गई. इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि अगर चिकित्सा व्यवस्था के प्रति लापरवाही और अवैध प्रैक्टिसेस पर नियंत्रण न किया जाए, तो परिणाम कितने खतरनाक हो सकते हैं. पुलिस ने इस मामले में आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.

    क्या हुआ था उस दिन?

    इस दुखद घटना के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि यह मामला कोठी थाना क्षेत्र के ग्राम डफरापुर मजरे सैदनपुर का है. यहां, तेहबहादुर रावत की पत्नी मुनिशरा रावत को पथरी की समस्या थी. 5 दिसंबर को मुनिशरा को इलाज के लिए श्री दामोदर औषधालय कोठी ले जाया गया. क्लिनिक के संचालक, ज्ञान प्रकाश मिश्र ने महिला के पेट में दर्द का कारण पथरी बताया और ऑपरेशन करने की सलाह दी. ऑपरेशन का खर्च 25,000 रुपये बताया गया था, जिसमें महिला के पति ने 20,000 रुपये पहले ही जमा कर दिए थे.

    झोलाछाप डॉक्टर ने यूट्यूब से सीखा ऑपरेशन

    पुलिस के सूत्रों के अनुसार, मुनिशरा के पति ने आरोप लगाया है कि ज्ञान प्रकाश मिश्र नशे में था और यूट्यूब पर वीडियो देखकर ऑपरेशन शुरू कर दिया. यह एक बेहद खतरनाक स्थिति थी क्योंकि वह बिना किसी मेडिकल ज्ञान के महिला का ऑपरेशन कर रहा था. नशे की हालत में ज्ञान प्रकाश मिश्र ने महिला के पेट में गहरे चीरे लगा दिए और कई नसों को काट डाला. ऑपरेशन के कुछ ही देर बाद महिला की हालत बिगड़ गई और अगले दिन उसकी मौत हो गई.

    झोलाछाप डॉक्टर का भतीजा भी संदिग्ध

    मुनिशरा के पति ने यह भी आरोप लगाया है कि ज्ञान प्रकाश मिश्र का भतीजा, विवेक कुमार मिश्र, जो रायबरेली के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में सरकारी कर्मचारी है, अवैध क्लिनिक चलाने में मदद करता था. इस क्लिनिक के संचालन में विवेक का भी हाथ था, और वह कई वर्षों से इस गैरकानूनी प्रैक्टिस को बढ़ावा दे रहा था.

    पुलिस की कार्रवाई और आरोपियों की तलाश

    घटना के बाद पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश कर रही है. पुलिस का कहना है कि यह मामला न केवल एक मेडिकल लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि यह अवैध चिकित्सा प्रैक्टिसेस को लेकर भी गंभीर सवाल उठाता है.

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