दक्षिण एशिया में कूटनीतिक हलचल तेज़ हो चुकी है, और बांग्लादेश इसके केंद्र में नज़र आ रहा है. सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के साथ गहरे रिश्ते बनाने के बाद अब ढाका की नज़र मलेशिया पर है. इस बार मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के निमंत्रण पर कुआलालंपुर की ओर रवाना हो रहे हैं.
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के अनुसार, यूनुस और मलेशिया के प्रधानमंत्री पुत्रजया में उच्च-स्तरीय वार्ता करेंगे. एजेंडे में व्यापार, निवेश, ऊर्जा, उच्च शिक्षा, श्रमिक सहयोग, हलाल फूड इंडस्ट्री और रोहिंग्या संकट के समाधान जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं. चर्चा के दौरान कई समझौता ज्ञापनों (MoU) और नोट्स पर हस्ताक्षर की संभावना जताई जा रही है.
कामगारों और अर्थव्यवस्था पर फोकस
बांग्लादेश ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, इस यात्रा का एक मुख्य उद्देश्य मलेशिया में बांग्लादेशी कामगारों की पारदर्शी भर्ती को सुनिश्चित करना है. साथ ही, ऊर्जा साझेदारी, आर्थिक विकास और व्यापार के नए अवसरों पर भी जोर दिया जाएगा.
अहम प्रतिनिधिमंडल के साथ रवाना
यूनुस के साथ इस दौरे में विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन, प्रवासी कल्याण एवं रोजगार सलाहकार डॉ. आसिफ नज़रुल, ऊर्जा सलाहकार फ़ौजुल कबीर खान और बांग्लादेश निवेश विकास प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष चौधरी आशिक महमूद बिन हारून भी शामिल होंगे. यह प्रतिनिधिमंडल न केवल द्विपक्षीय वार्ताओं में भाग लेगा, बल्कि अन्य औपचारिक बैठकों में भी हिस्सा लेगा.
पुराने रिश्तों का नया अध्याय
गौरतलब है कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद, पिछले साल अक्टूबर में मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने ढाका का दौरा किया था. यह अंतरिम सरकार के गठन के बाद किसी भी देश के शीर्ष नेता की पहली आधिकारिक यात्रा थी. उस समय वे 58 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंचे थे, जिसमें मंत्री, उप-मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे.
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