पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश को मिला 1.5 अरब डॉलर का अंतरराष्ट्रीय कर्ज, जानें किसने की मदद?

    वित्तीय संकट से जूझ रहे बांग्लादेश को वैश्विक संस्थाओं से राहत मिली है. एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) और वर्ल्ड बैंक ने देश के बैंकिंग, जलवायु और ऊर्जा क्षेत्रों में सुधार के लिए 1.5 अरब डॉलर (करीब 12,600 करोड़ रुपये) की फाइनेंशियल सहायता को मंजूरी दे दी है.

    Bangladesh getting 1-5 billion loan from world bank
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    वित्तीय संकट से जूझ रहे बांग्लादेश को वैश्विक संस्थाओं से राहत मिली है. एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) और वर्ल्ड बैंक ने देश के बैंकिंग, जलवायु और ऊर्जा क्षेत्रों में सुधार के लिए 1.5 अरब डॉलर (करीब 12,600 करोड़ रुपये) की फाइनेंशियल सहायता को मंजूरी दे दी है. इससे पहले मई 2025 में बांग्लादेश को IMF से 762 मिलियन डॉलर की सहायता प्राप्त हुई थी. यह नया पैकेज देश के ढहते बैंकिंग सिस्टम को पुनर्जीवित करने, जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने और ऊर्जा उत्पादन एवं आपूर्ति में सुधार लाने के उद्देश्य से दिया गया है.

    ADB और वर्ल्ड बैंक की ओर से कितना मिला लोन?

    ADB (एशियन डेवलपमेंट बैंक): 900 मिलियन डॉलर. वर्ल्ड बैंक: 640 मिलियन डॉलर. ADB द्वारा दी गई राशि में से. 500 मिलियन डॉलर बैंकिंग सुधारों पर खर्च होंगे. 400 मिलियन डॉलर जलवायु परिवर्तन और सतत विकास परियोजनाओं पर. वहीं वर्ल्ड बैंक द्वारा दी गई राशि का उपयोग शहरी वायु प्रदूषण को कम करने और गैस आपूर्ति से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में किया जाएगा.

    बैंकिंग सेक्टर में क्यों जरूरी है ये मदद?

    बांग्लादेश का बैंकिंग सेक्टर वर्तमान में कई गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है. लिक्विडिटी की भारी कमी, जिससे वित्तीय संस्थानों पर दबाव बढ़ रहा है. NPL (Non-Performing Loans) का बढ़ता स्तर  2025 की पहली तिमाही में यह आंकड़ा 74,570 करोड़ टका तक पहुंच गया. साइबर सुरक्षा की चुनौतियां और मनी लॉन्ड्रिंग की बढ़ती घटनाएं. ब्याज वसूली में कठिनाई और कमजोर रेगुलेटरी फ्रेमवर्क. ADB द्वारा दी जा रही सहायता से इन सभी मोर्चों पर सुधार की उम्मीद है, विशेष रूप से. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) तक सुलभ और किफायती ऋण पहुंचाना.बैंकिंग प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ढालना

    रेगुलेटरी और तकनीकी ढांचे को मज़बूत बनाना

    एनर्जी और क्लाइमेट प्रोजेक्ट्स को मिलेगी रफ्तार जलवायु परिवर्तन की चुनौती को लेकर ADB द्वारा दी गई 400 मिलियन डॉलर की सहायता का उपयोग हरित परियोजनाओं में किया जाएगा, जिसमें सतत ऊर्जा, जलवायु अनुकूलन और पर्यावरणीय सुरक्षा के उपाय शामिल हैं.

    वहीं, वर्ल्ड बैंक की मदद से शहरी वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जाएगा. गैस आपूर्ति के संकट से निपटने के लिए ऊर्जा बुनियादी ढांचे को अपग्रेड किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में बिजली की बढ़ती मांग के चलते गैस आपूर्ति का बड़ा हिस्सा पावर प्लांट्स को भेजा जा रहा है, जिससे घरेलू और औद्योगिक गैस उपयोगकर्ता प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में वर्ल्ड बैंक की फंडिंग इन गैप्स को भरने में सहायक होगी.

    आर्थिक स्थिरता की ओर एक और कदम

    बांग्लादेश सरकार के लिए यह सहायता पैकेज ऐसे समय आया है जब विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा है और आयात-निर्यात असंतुलन बढ़ रहा है. इस फंडिंग से देश को न केवल अपने विकास प्रोजेक्ट्स को गति देने में मदद मिलेगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था में स्थिरता आने की संभावना है.

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