बलूचिस्तान से उठती स्वतंत्रता की आवाज़ अब और मुखर हो गई है. मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार मीर यार बलोच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ओपन लेटर लिखकर पाकिस्तान के अत्याचारों को उजागर किया है और भारत से खुला समर्थन मांगा है. यह पत्र सिर्फ भावनाओं की पुकार नहीं, बल्कि बलूचिस्तान के जलते वर्तमान और उसके छीन लिए गए भविष्य की गूंज है.
“चगई की धरती पर मौत के बीज बोए गए”
पत्र की शुरुआत मीर यार बलोच ने उस भयावह दिन से की है, जब 28 मई 1998 को पाकिस्तान ने चगई की पहाड़ियों में परमाणु परीक्षण किया था.
उन्होंने लिखा कि यह परीक्षण न केवल एक सैन्य प्रदर्शन था, बल्कि बलूच जनता के लिए जनसंहार की शुरुआत भी था. “आज भी चगई और रास कोह की हवाओं में विस्फोटक की गंध है, खेत बंजर हो चुके हैं, मवेशी मारे गए और विकलांग बच्चों का जन्म एक कड़वी सच्चाई बन चुका है.”
An Open Letter to Indian PM Narendra Modi from PoB@narendramodi @PMOIndia
— Mir Yar Baloch (@miryar_baloch) May 28, 2025
28 May, 2025
Honorable Narendra Modi Ji,
Prime Minister of India,
Prime Minister’s Office, South Block, New Delhi, 110011,
We hope this letter finds you in Great Spirit and good health. Today, we, the… pic.twitter.com/ivX0QmyRJf
ISI को बताया ‘आतंकवाद की फैक्ट्री’
पत्र में बलोच नेता ने पाकिस्तानी फौज और ISI पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें आतंकवाद का जनक करार दिया. उन्होंने कहा कि ISI आए दिन नए आतंकी संगठन तैयार करता है, जिनका इस्तेमाल भारत, अफगानिस्तान, बलूचिस्तान और यहां तक कि अमेरिका व इजराइल के खिलाफ किया जाता है. “पाकिस्तान केवल एक देश नहीं, यह आतंकवाद की माँ है. जब तक इसकी जड़ें नहीं काटी जातीं, दुनिया में अमन मुमकिन नहीं.”
खनिज संपत्ति पर डाका और चीन की भागीदारी
पत्र में मीर यार बलोच ने खुलासा किया कि पाकिस्तान बलूचिस्तान की खनिज संपदा सोना, तांबा, गैस, तेल और यूरेनियम का शोषण कर रहा है. इन संसाधनों से मिलने वाले धन का इस्तेमाल आतंकी नेटवर्क को खड़ा करने में किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने चीन की बढ़ती मौजूदगी पर भी चिंता जताई, जिसने बलूचिस्तान में बंदरगाह, एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट और कई सुरक्षा केंद्र स्थापित कर लिए हैं.
हमने भारत का साथ दिया, अब भारत भी आगे आए
बलोच नेता ने दावा किया कि जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी, तब बलूच समुदाय ने उसका खुलकर समर्थन किया. अगर वो अभियान एक हफ्ता और चलता, तो आज हम एक स्वतंत्र राष्ट्र होते. हम भारत के सच्चे मित्र हैं. अब वक्त है कि भारत भी हमारे संघर्ष को वैश्विक मंच पर मान्यता दे.
भारत बनाए आधिकारिक संबंध, खोले बलूचिस्तान का दूतावास
अपने पत्र के अंतिम हिस्से में मीर यार बलोच ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की कि भारत को अब बलूचिस्तान के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने चाहिए. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि दिल्ली में बलूचिस्तान का दूतावास खोला जाए, ताकि उनकी आवाज़ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से रखा जा सके.
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