बुल्गारिया की धरती ने एक ऐसी रहस्यमयी महिला को जन्म दिया था, जिसने आंखों से दुनिया देखे बिना भी भविष्य की तस्वीरें देखीं. हम बात कर रहे हैं वंगेलिया पांडेवा दिमित्रोवा की, जिन्हें आज दुनियाभर में बाबा वेंगा के नाम से जाना जाता है. साल 1911 में जन्मी इस महिला ने कम उम्र में ही अपनी दृष्टि खो दी थी, लेकिन उनका दावा था कि उन्होंने इस नुकसान के साथ एक खास शक्ति पाई आने वाले समय को देखने की शक्ति.
उनकी कही गई बातें आज भी लोगों को चौंकाने और सोचने पर मजबूर कर देती हैं. द्वितीय विश्व युद्ध से लेकर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमले तक, उनकी कई भविष्यवाणियाँ सच साबित हो चुकी हैं. अब साल 2025 में भी उनकी कही गई बातें एक-एक कर के सच होती नज़र आ रही हैं.
प्राकृतिक आपदाओं की आहट
बाबा वेंगा ने वर्ष 2025 को लेकर चेतावनी दी थी कि इस साल धरती पर बड़े-बड़े भूकंप कहर बरपाएंगे. यह बात तब और ज़्यादा सच साबित हुई जब 28 मार्च को म्यांमार में 7.9 तीव्रता का ज़बरदस्त भूकंप आया. इस भीषण त्रासदी में 1700 से ज़्यादा लोगों की जान गई, जबकि हजारों घायल हुए. इसका असर थाईलैंड, चीन और वियतनाम तक महसूस किया गया. इस भूकंप के कुछ ही महीनों बाद, 30 जुलाई को रूस के कामचटका क्षेत्र में 8.8 तीव्रता का एक और विनाशकारी भूकंप आया, जिसे 2011 के जापान भूकंप के बाद सबसे शक्तिशाली माना जा रहा है. इस घटना के बाद अलास्का, जापान, हवाई और न्यूजीलैंड में सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई.
अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल
बाबा वेंगा ने 2025 में वैश्विक आर्थिक संकट की आशंका भी जताई थी. इस साल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से सत्ता संभालते ही कई देशों के साथ टैरिफ युद्ध छेड़ दिया है. भारत पर उन्होंने 50% आयात शुल्क लगा दिया है, जिससे दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में तनाव आ गया है. अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्रियों ने चेताया है कि ट्रंप की नीतियां वैश्विक बाज़ार को अस्थिर कर सकती हैं और इससे एक नई मंदी की शुरुआत हो सकती है.
धरती और आग का दोहरा प्रकोप
बाबा वेंगा ने 2025 के लिए एक ऐसी ‘दोहरी आग’ की भविष्यवाणी की थी जो आकाश और धरती दोनों से उठेगी. जानकारों का मानना है कि इसका इशारा ज्वालामुखी विस्फोटों की तरफ था. हाल ही में रूस में आए भूकंप के बाद कामचटका क्षेत्र में स्थित क्लुचेवस्काया सोपका ज्वालामुखी फट पड़ा. इसके बाद क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी भी सक्रिय हो गया, जो पिछले 550 सालों से शांत था.अब तक कुल सात ज्वालामुखी फट चुके हैं और वैज्ञानिकों का मानना है कि ‘रिंग ऑफ फायर’ के अंतर्गत आने वाले कई और ज्वालामुखी भी सक्रिय हो सकते हैं.
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