बीजिंग/नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में शामिल Apple अब अपनी रिटेल रणनीति में बड़ा बदलाव करने जा रही है. साल 2008 से चीन में लगातार अपने फिजिकल स्टोर नेटवर्क को बढ़ाने वाली कंपनी पहली बार चीन में किसी स्टोर को स्थायी रूप से बंद करने जा रही है.
कंपनी ने पुष्टि की है कि वह 9 अगस्त 2025 को चीन के डालियान शहर के प्रसिद्ध पार्कलैंड मॉल में स्थित अपने एप्पल स्टोर को बंद कर देगी. यह कदम कई मायनों में एक टर्निंग पॉइंट माना जा रहा है, क्योंकि यह पहली बार है जब Apple ने चीन में अपने किसी रिटेल आउटलेट को बंद करने का फैसला किया है.
लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कंपनी चीन से पीछे हट रही है. Apple अब अपना ध्यान तेजी से बदलते वैश्विक बाजारों—भारत, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब और अमेरिका के डेट्रॉयट शहर जैसे नए और उभरते रिटेल डेस्टिनेशन्स की ओर मोड़ रही है.
चीन में क्यों बंद हो रहा है यह स्टोर?
Apple की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि डालियान स्थित पार्कलैंड मॉल को हाल ही में "इनटाइम सिटी" के रूप में रीब्रांड किया गया है. इसके साथ ही मॉल के प्रबंधन और संचालन प्रणाली में बड़ा बदलाव हुआ है.
इन बदलावों के कारण मॉल के कई प्रमुख ब्रांड्स- जो पहले इसके आकर्षण का हिस्सा हुआ करते थे ने अपने स्टोर बंद कर दिए. इसी वजह से Apple ने भी इस जगह से पीछे हटने का फैसला किया है.
हालांकि, डालियान शहर में ही कंपनी का एक और स्टोर ओलिंपिया 66 मॉल में पहले से ही चालू है, जो बंद हो रहे स्टोर से केवल 10 मिनट की दूरी पर है.
Apple का कहना है कि ग्राहकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सेवा में किसी तरह की रुकावट नहीं आने दी जाएगी.
चीन में Apple की मौजूदगी अब भी मजबूत
Apple ने स्पष्ट किया है कि वह चीन से पीछे नहीं हट रही है. वर्तमान में ग्रेटर चाइना में कंपनी के कुल 56 रिटेल स्टोर हैं, जो Apple के दुनिया भर में मौजूद 530 से अधिक स्टोर्स का करीब 10% हिस्सा हैं.
इसलिए डालियान में एक स्टोर बंद होना कोई कटौती नहीं, बल्कि रणनीतिक पुनर्संतुलन (Strategic Realignment) के तौर पर देखा जा रहा है.
भारत बन रहा है Apple की बाज़ार रणनीति का केंद्र
Apple की प्राथमिकता अब भारत की ओर स्पष्ट रूप से झुकी हुई है. सिर्फ रिटेल ही नहीं, बल्कि मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट दोनों मोर्चों पर भारत, Apple के लिए तेजी से चीन का विकल्प बनता जा रहा है.
मार्केट रिसर्च फर्म Canalys के मुताबिक, जनवरी से जून 2025 के बीच भारत में 2.39 करोड़ (23.9 मिलियन) iPhone यूनिट्स का उत्पादन किया गया. यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 53% अधिक है.
वहीं CyberMedia Research का आंकड़ा बताता है कि इसी अवधि में भारत से 22.88 मिलियन (2.28 करोड़) iPhones का निर्यात हुआ—जो सालाना आधार पर 52% की बढ़ोतरी को दर्शाता है.
1.94 लाख करोड़ रुपए का iPhone निर्यात
2025 की पहली छमाही में भारत से लगभग ₹1.94 लाख करोड़ मूल्य के iPhones विदेशों में निर्यात किए गए. यह आंकड़ा 2024 के मुकाबले कहीं ज्यादा है, जब यही निर्यात मूल्य ₹1.26 लाख करोड़ था.
सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि भारत से सबसे ज्यादा iPhones अमेरिका को भेजे गए. अप्रैल 2025 में भारत ने अमेरिका को 33 लाख iPhone भेजे, जबकि चीन से अमेरिका को केवल 9 लाख यूनिट्स ही निर्यात हुए.
अब भारत में बने iPhones का 78% हिस्सा सीधे अमेरिका जा रहा है, जो पिछले साल सिर्फ 53% था.
भारत और मिडिल ईस्ट में रिटेल नेटवर्क का विस्तार
Apple ने यह संकेत दिया है कि वह अब अपने रिटेल नेटवर्क को भारत, सऊदी अरब, UAE और अमेरिका के डेट्रॉयट जैसे नए बाजारों में तेजी से बढ़ाएगी.
भारत में Apple पहले ही मुंबई और दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों में आधिकारिक फ्लैगशिप स्टोर खोल चुका है. अब संभावना है कि कंपनी देश के अन्य बड़े मेट्रो और टियर-2 शहरों में भी रिटेल उपस्थिति दर्ज कराएगी.
रिटेल में शिफ्ट, मैन्युफैक्चरिंग में सशक्तिकरण
Apple के इस पूरे कदम को ‘चीन-पार-रणनीति’ (Beyond China Strategy) के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें कंपनी अपने रिटेल और मैन्युफैक्चरिंग दोनों को डायवर्सिफाई करना चाहती है.
रिटेल में जहां चीन जैसे बाजार अब संतृप्त हो चुके हैं, वहीं भारत और खाड़ी देशों में ग्राहकों की तेजी से बढ़ती क्रय शक्ति ने इन बाजारों को अगला फोकस बना दिया है.
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