टैरिफ से बचने के लिए APPLE ने निकाली ये तरकीब, क्या अब महंगे नहीं होंगे आईफोन?

    एप्पल ने अमेरिका में 5 अप्रैल से लागू होने वाले 10% टैरिफ से बचने के लिए तेजी से एक कदम उठाया है. कंपनी ने मार्च के आखिरी दिनों में भारत और अन्य देशों से पांच विमानों के जरिए iPhone की बड़ी खेप अमेरिका भेजी. यह कदम टैरिफ से बचाव के लिए उठाया गया था और इसे सिर्फ तीन दिनों में पूरा कर लिया गया.

    टैरिफ से बचने के लिए APPLE ने निकाली ये तरकीब, क्या अब महंगे नहीं होंगे आईफोन?
    Image Source: ANI

    एप्पल ने अमेरिका में 5 अप्रैल से लागू होने वाले 10% टैरिफ से बचने के लिए तेजी से एक कदम उठाया है. कंपनी ने मार्च के आखिरी दिनों में भारत और अन्य देशों से पांच विमानों के जरिए iPhone की बड़ी खेप अमेरिका भेजी. यह कदम टैरिफ से बचाव के लिए उठाया गया था और इसे सिर्फ तीन दिनों में पूरा कर लिया गया.

    ऑपरेशन की रणनीति क्या थी?

    एप्पल ने भारत और चीन में स्थित अपने उत्पादन केंद्रों से iPhone का बड़ा स्टॉक अमेरिका भेजा. इस 'रश शिपमेंट' का मुख्य उद्देश्य था कि 5 अप्रैल से लागू होने वाले टैरिफ से पहले अमेरिकी गोदामों में iPhone का पर्याप्त स्टॉक पहुंच जाए. अब अमेरिका में इतना स्टॉक है कि यह कई महीनों तक बिक्री की मांग को पूरा कर सकता है. इस कदम से एप्पल ने अपनी आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत किया और बाजार में अपनी स्थिति को सुरक्षित रखा.

    टैरिफ से बचना क्यों जरूरी था?

    5 अप्रैल से अमेरिका में 10% टैरिफ लागू हुआ, जो बाद में 9 अप्रैल से बढ़कर 54% तक पहुंच गया, खासकर चीन से आयातित सामानों पर. इससे iPhone जैसे उत्पादों की कीमतों में वृद्धि होने का खतरा था, जिसका असर एप्पल के लाभ और मार्जिन पर पड़ सकता था. इस समस्या से बचने के लिए, कंपनी ने पहले से ही स्टॉक अमेरिका भेजकर अपनी लागत को नियंत्रित करने की कोशिश की.

    भारत कैसे बना एप्पल की ताकत?

    एप्पल ने भारत में निर्मित iPhone मॉडल जैसे iPhone SE, iPhone 12, 13, 14 और कुछ AirPods मॉडल को अमेरिका भेजा. भारत से निर्यात पर सिर्फ 26% टैरिफ लगता है, जबकि चीन से आने वाले उत्पादों पर 54% टैरिफ लागू होता है. इस अंतर से एप्पल को बड़ा फायदा मिल सकता है. भारत अब एप्पल के लिए एक महत्वपूर्ण उत्पादन केंद्र बनता जा रहा है.

    भारत पर क्या असर होगा?

    इस कदम से भारत को कई फायदे मिल सकते हैं. एप्पल भारत में अपने उत्पादन को बढ़ा सकता है, जिससे देश वैश्विक निर्माण हब के रूप में उभर सकता है. इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और निवेश में भी वृद्धि हो सकती है. इसके अलावा, भारत से iPhone का निर्यात भी बढ़ सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे एप्पल की चीन पर निर्भरता कम होगी और भारत को वैश्विक बाजार में बड़ा अवसर मिलेगा.

    अधिकारियों का क्या कहना है?

    भारत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "एप्पल टैरिफ से बचने के लिए मार्च में स्टॉक अमेरिका भेजना चाहता था." उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी फिलहाल अमेरिका में कीमतें नहीं बढ़ाएगी, लेकिन अगर टैरिफ लंबे समय तक लागू रहते हैं तो कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है. एप्पल का यह कदम कंपनी को टैरिफ के असर से बचाने और भारत को एक मजबूत निर्माण केंद्र बनाने में मदद करेगा.