अब अमेरिका में बिकने वाला हर दूसरा iPhone भारत में बना होता है. जी हां, ये अब सिर्फ “मेक इन इंडिया” का नारा नहीं, बल्कि Apple की ग्लोबल स्ट्रैटेजी का हिस्सा बन चुका है. Apple के सीईओ टिम कुक ने एक इंटरव्यू में बताया कि अब भारत, अमेरिका के लिए iPhone का बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बन गया है.
इसकी वजह टैरिफ है. दरअसल चीन के मुकाबले भारत में टैरिफ यानी इंपोर्ट टैक्स काफी कम है. चीन से सामान मंगाने पर अमेरिका को भारी टैक्स चुकाना पड़ता है, जबकि भारत से आए iPhone पर सिर्फ 10% टैरिफ लगता है.
भारत बन गया ‘कंट्री ऑफ ओरिजिन’
टिम कुक का कहना है, "भारत अब अमेरिका में बिकने वाले iPhones के लिए 'कंट्री ऑफ ओरिजिन' बन रहा है." इसका मतलब ये कि अगर आप अमेरिका में iPhone खरीदते हैं, तो उस पर लिखा होगा - Made in India! Apple ने केवल iPhones तक ही बात नहीं रखी है. AirPods और iPads के लिए भी कंपनी चीन से हटकर वियतनाम जैसे देशों का रुख कर चुकी है. यानी सप्लाई चेन का पूरा गेम अब स्मार्ट तरीके से री-शफल हो रहा है.
भारत के लिए बड़ा मौका
विशेषज्ञों की मानें तो Apple की ये पॉलिसी भारत के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है. जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में iPhone बनाना चीन से बस 2% महंगा है, लेकिन अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग की तुलना में 30% सस्ता पड़ता है, यानी क्वालिटी वही, लेकिन लागत में बचत और टैक्स में राहत.
Apple का मुनाफा भी बढ़ा
मार्च 2025 की तिमाही में Apple ने 95.4 अरब डॉलर की कमाई की, जिसमें से iPhone की बिक्री का हिस्सा लगभग 47 अरब डॉलर रहा. टिम कुक को उम्मीद है कि जून तिमाही में भी बिक्री में “सिंगल डिजिट” यानी हल्की-फुल्की बढ़त जरूर होगी, हालांकि टैरिफ को लेकर चिंता अभी बरकरार है.
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