फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. इस बार मामला उनकी एक विवादित सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने ब्राह्मण समाज को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद देशभर में उनका विरोध तेज़ हो गया है. मध्य प्रदेश के इंदौर से लेकर दिल्ली तक, ब्राह्मण समाज के लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया है और कानूनी कार्रवाई की मांग भी उठाई है.
इंदौर में विरोध प्रदर्शन और 'टॉयलेट ब्रांड एंबेसडर' का तंज
इंदौर के पलासिया चौराहे पर विरोध प्रदर्शन ने एक अनोखा रूप ले लिया, जहां समाजसेवी नीरज याग्निक द्वारा एक अस्थायी टॉयलेट बनवाकर उस पर अनुराग कश्यप के पोस्टर लगाए गए. इस प्रतीकात्मक विरोध में उन्हें 'टॉयलेट का ब्रांड एंबेसडर' घोषित किया गया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अनुराग कश्यप ने ब्राह्मणों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
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परशुराम सेना ने किया पुतला दहन और 'जल समाधि'
इंदौर में परशुराम सेना ने भी जमकर विरोध जताया. उन्होंने कश्यप के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनका पुतला खान नदी में जल समाधि के रूप में प्रवाहित किया. संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन कार्रवाई नहीं करता तो वे कोर्ट का रुख करेंगे.
दिल्ली में भी शिकायत दर्ज
सिर्फ इंदौर ही नहीं, देश की राजधानी दिल्ली के गांधी नगर थाने में भी अनुराग कश्यप के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज कराया गया है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि निर्देशक की टिप्पणी से ब्राह्मण समाज को गहरा आघात पहुंचा है.
सेंसर बोर्ड से नाराजगी के बाद हुआ विवाद
पूरा मामला तब शुरू हुआ जब अनुराग कश्यप की आगामी फिल्म 'फुले' पर सेंसर बोर्ड ने कुछ आपत्तिजनक दृश्य हटाने को कहा. इसके बाद निर्देशक ने सोशल मीडिया पर गुस्से में ब्राह्मण समाज को लेकर कुछ तीखे और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया. हालांकि विवाद बढ़ने पर कश्यप ने माफी भी मांगी, लेकिन अब तक विरोध की लहर थमी नहीं है.