कुछ होने वाला है...ट्रंप का बड़ा दावा, क्या फिर छिड़ने वाला कोई युद्ध? क्यों कही ये बात

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं. इस बार उनका फोकस रूस-यूक्रेन युद्ध पर रहा, जिसे लेकर उन्होंने एक बड़ा दावा किया है.

    American President Trump on ukraine and russia ceasefire
    Image Source: Social Media

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं. इस बार उनका फोकस रूस-यूक्रेन युद्ध पर रहा, जिसे लेकर उन्होंने एक बड़ा दावा किया है. सीबीएस न्यूज़ को दिए गए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने संकेत दिया कि इस संघर्ष में जल्द ही कोई बड़ा घटनाक्रम देखने को मिल सकता है.


    डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वे रूस और यूक्रेन के हालात पर लगातार नजर रखे हुए हैं और इस सिलसिले में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की से बातचीत भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा, अभी दोनों पक्ष पूरी तरह तैयार नहीं हैं, लेकिन बहुत जल्द कुछ होने वाला है. मैं इस मसले को समाप्त करना चाहता हूं. ट्रंप ने यह बात ऐसे समय में कही है जब रूस ने कीव पर हाल ही में मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिनमें 15 लोगों की जान चली गई, जिनमें चार बच्चे भी शामिल थे. इसके बावजूद ट्रंप को भरोसा है कि हालात पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

    रूस-यूक्रेन संकट उम्मीद से ज्यादा जटिल

    राष्ट्रपति ने स्वीकार किया कि उन्हें शुरुआत में रूस-यूक्रेन मुद्दा अपेक्षाकृत सरल लगा था, लेकिन यह उनकी सोच से कहीं अधिक उलझा हुआ निकला. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कई ऐसे पेच होते हैं जो सतह पर नजर नहीं आते.

    अपने कार्यकाल के अनुभव भी गिनाए

    ट्रंप ने बातचीत के दौरान यह दावा भी किया कि अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान उन्होंने छह से सात बड़े अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई थी. उनके अनुसार, इन प्रयासों के चलते लाखों लोगों की जान बच सकी. उन्होंने जिन क्षेत्रों का ज़िक्र किया उनमें शामिल हैं: इजरायल-ईरान, रवांडा-कांगो, आर्मेनिया-अजरबैजान, थाईलैंड-कंबोडिया, भारत-पाकिस्तान, मिस्र-इथियोपिया, सर्बिया-कोसोवो हालांकि, अंतरराष्ट्रीय राजनीति के जानकार ट्रंप के इन दावों पर संदेह व्यक्त करते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इनमें से अधिकतर संघर्ष आज भी पूरी तरह समाप्त नहीं हुए हैं.

    नोबेल पुरस्कार को लेकर बदली सोच

    दिलचस्प बात यह रही कि ट्रंप ने इस बार नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर बिल्कुल अलग रुख अपनाया. जहां पहले वे खुले तौर पर इसके लिए नामांकन की बात करते थे, वहीं अब उन्होंने कहा, मैं कोई अवॉर्ड नहीं चाहता, न ही सुर्खियों में रहना चाहता हूं. मेरा लक्ष्य सिर्फ जिंदगियां बचाना है.

    “शांति की शुरुआत संवाद से होती है”

    अपने कूटनीतिक दृष्टिकोण को साझा करते हुए ट्रंप ने बताया कि उनका तरीका है नेताओं को आमने-सामने बैठाकर बातचीत करवाना. उन्होंने कहा कि कई बार वर्षों से चले आ रहे विवादों में शामिल लोग यह तक भूल जाते हैं कि शांति भी एक विकल्प हो सकता है. लेकिन जब उन्हें एक कमरे में लाकर बात कराई जाती है, तो समाधान निकलने की संभावना बढ़ जाती है.

    यह भी पढ़ें: बलूचों ने फहरा दिया अपनी आजादी का झंडा, बलूचिस्तान छोड़कर भाग रही पाकिस्तानी सेना, देखें वीडियो