पृथ्वी पर आने वाले हैं एलियन! तूफानी रफ्तार से धरती की तरफ बढ़ रहा स्पेसशिप, NASA का चौंकाने वाला खुलासा

    Alien Spaceship: क्या सच में हम इस ब्रह्मांड में अकेले नहीं हैं? हाल ही में वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में एक ऐसी रहस्यमयी वस्तु देखी है, जो न सिर्फ हैरान कर देने वाली है, बल्कि यह हमारी पृथ्वी के पास से भी गुजरने वाली है.

    Alien spacecraft rapidly approaching 3I/ATLAS NASA s shocking revelation
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    Alien Spaceship: क्या सच में हम इस ब्रह्मांड में अकेले नहीं हैं? हाल ही में वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में एक ऐसी रहस्यमयी वस्तु देखी है, जो न सिर्फ हैरान कर देने वाली है, बल्कि यह हमारी पृथ्वी के पास से भी गुजरने वाली है. हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह कोई आम उल्कापिंड या चट्टान नहीं है, बल्कि एलियन का स्पेसशिप भी हो सकता है.

    3I/ATLAS: रहस्य से भरा नाम

    इस वस्तु को अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने "3I/ATLAS" नाम दिया है. इसमें '3I' का मतलब है कि यह तीसरा ऐसा ऑब्जेक्ट है जो हमारे सौर मंडल (Solar System) के बाहर से आया है, यानी यह इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट है. इससे पहले ऐसे केवल दो ऑब्जेक्ट्स देखे गए थे: 'ओउमुआमुआ' और 'बोरीसोव'. नासा के मुताबिक, यह ऑब्जेक्ट लगभग 2.17 लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हमारे सौरमंडल की ओर बढ़ रहा है. यह इतना तेज़ है कि कुछ ही महीनों में यह सूरज के सबसे करीब पहुंच जाएगा.

    नासा ने 1 जुलाई 2025 से इस ऑब्जेक्ट पर निगरानी शुरू कर दी है. इसका पता सबसे पहले चिली के रियो हर्टाडो स्थित एक टेलीस्कोप ने लगाया था. नासा के मुताबिक, 30 अक्टूबर 2025 को यह सूर्य के सबसे नज़दीक होगा, लेकिन धरती से यह करीब 21 करोड़ किलोमीटर दूर रहेगा.

    क्या यह कोई एलियन स्पेसशिप है?

    इस ऑब्जेक्ट की न तो कोई स्थिर कक्षा है और न ही यह सूर्य की परिक्रमा कर रहा है. इसलिए वैज्ञानिक इसे सामान्य धूमकेतु या क्षुद्रग्रह मानने को लेकर संशय में हैं. हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी के कुछ विशेषज्ञों ने यहां तक कहा है कि यह संभव है कि यह किसी दूसरी सभ्यता द्वारा भेजा गया एक स्पेसशिप हो.

    कहां से आया ये मेहमान?

    नासा का कहना है कि यह ऑब्जेक्ट धनु तारामंडल (Sagittarius Constellation) की दिशा से आ रहा है. यह मिल्की वे गैलेक्सी के भीतर एक लंबे सफर के बाद अब हमारे सौरमंडल से गुजर रहा है. इसकी उत्पत्ति किसी और तारामंडल में हुई होगी.  

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