Supersonic Missile Pralay: भारत ने एक बार फिर दुनिया को यह जता दिया है कि वह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. देश की रक्षा शक्ति में नया आयाम जुड़ गया है, और इसका नाम है ‘प्रलय’, एक घातक, तेज़, और अत्याधुनिक स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 28 और 29 जुलाई 2025 को ‘प्रलय’ मिसाइल के लगातार दो सफल परीक्षण कर यह सिद्ध कर दिया कि भारत न केवल टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर हो चुका है, बल्कि खतरे के समय मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भी पूरी तरह तैयार है.
दोनों दिनों के परीक्षणों में 'प्रलय' ने अपने लक्ष्य को बेजोड़ सटीकता के साथ भेदा. ये परीक्षण विशेष रूप से भारतीय सेना की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किए गए थे. DRDO के अनुसार, हर मानक और तकनीकी कसौटी पर यह मिसाइल खरी उतरी है.
क्या है 'प्रलय' मिसाइल की खासियत?
‘प्रलय’ एक क्विक रिएक्शन बैलिस्टिक मिसाइल (QRBM) है, मतलब इसे किसी भी आपात स्थिति में बेहद कम समय में लॉन्च किया जा सकता है. यह मिसाइल पूरी तरह से भारत में विकसित की गई है और यह जमीन से जमीन पर मार करने की क्षमता रखती है. इसकी रेंज 150 से 500 किलोमीटर तक है, यानी दुश्मन की सीमा के भीतर मौजूद बंकर, रडार स्टेशन, एयरबेस और हथियार डिपो को मिनटों में तबाह करने की ताकत इसमें है.
सुपरसोनिक स्पीड, 5000 किलो वजन और अचूक निशाना
'प्रलय' मिसाइल की एक और बड़ी विशेषता इसकी सुपरसोनिक गति है. यह आवाज की रफ्तार से तेज़ उड़ान भरती है. इसका वजन लगभग 5 टन है और इसमें बेहद उन्नत जीपीएस और इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम लगाए गए हैं, जो इसे दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर सीधे लक्ष्य पर मार करने में सक्षम बनाते हैं.
क्यों है यह पाकिस्तान और चीन के लिए खतरे की घंटी?
‘प्रलय’ का विकास खासतौर पर भारत की सीमाओं पर मौजूद चुनौतियों को ध्यान में रखकर किया गया है. यह मिसाइल सीमावर्ती इलाकों में शॉर्ट-रेंज स्ट्राइक कैपेबिलिटी को बेहद मजबूत बनाती है. अगर कभी युद्ध जैसी स्थिति बनती है, तो ‘प्रलय’ दुश्मन के भीतर तक घुसकर उसकी कमर तोड़ सकती है.
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