Ajay Devgan-Afridi photo: वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL) 2024 में उस वक्त विवाद खड़ा हो गया, जब भारतीय दिग्गज खिलाड़ियों ने पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले मुकाबले को खेलने से इनकार कर दिया. यह टूर्नामेंट इंग्लैंड में खेला जा रहा है और तीसरे मैच में भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने-सामने होतीं, मगर मुकाबला रद्द हो गया. हरभजन सिंह, यूसुफ पठान, सुरेश रैना और कप्तान शिखर धवन जैसे सीनियर खिलाड़ियों ने सुरक्षा और सिद्धांतों का हवाला देते हुए पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से इनकार कर दिया. इस फैसले के बाद पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने एक बयान देकर एक बार फिर भारत पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "क्रिकेट को राजनीति से दूर रखना चाहिए. भारत को पहले ही मना कर देना चाहिए था, आखिरी समय पर मैच रद्द करना शर्मनाक है."
विवाद के बीच वायरल हुई एक तस्वीर और सोशल मीडिया की बौछार
मैच रद्द होने के तुरंत बाद एक और मोर्चा सोशल मीडिया पर खुल गया, अभिनेता अजय देवगन और शाहिद अफरीदी की एक पुरानी तस्वीर अचानक वायरल हो गई. यूजर्स ने अजय को ट्रोल करना शुरू किया, कुछ ने यहां तक कह दिया कि “देशभक्त फिल्में करने वाला अभिनेता अफरीदी से मेलजोल कैसे रख सकता है?” लेकिन जो तस्वीर वायरल हो रही है, उसका तथ्यात्मक सच कुछ और है.
यह तस्वीर अभी की नहीं...
वायरल हो रही अजय-अफरीदी की तस्वीर WCL के 2023 सीजन की है, न कि इस विवाद के बाद की. अजय देवगन बर्मिंघम के एजबेस्टन में WCL फाइनल देखने पहुंचे थे, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच खिताबी मुकाबला हुआ था. उस वक्त दोनों देशों के खिलाड़ी एक फ्रेंडली माहौल में खेल रहे थे और अजय देवगन को बतौर सम्मानित मेहमान आमंत्रित किया गया था. यानी इस तस्वीर को मौजूदा हालात से जोड़ना गलत और भ्रामक है.
सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी का सवाल
हर बार की तरह इस बार भी एक पुरानी तस्वीर को संदर्भ से काटकर वायरल कर दिया गया. सवाल यह उठता है कि जब देश के भीतर एक संवेदनशील घटना, जैसे पहलगाम आतंकी हमला की पृष्ठभूमि मौजूद हो, तब क्या ऐसे भ्रामक पोस्ट लोगों की भावनाओं को और नहीं भड़काते? इस समय जनता और मीडिया दोनों की जिम्मेदारी बनती है कि वो तथ्यों की पुष्टि के बाद ही किसी सार्वजनिक व्यक्ति पर आरोप लगाए, चाहे वो अफरीदी हों या अजय देवगन.
भारतीय खिलाड़ियों का फैसला
सूत्रों के मुताबिक, भारत के पूर्व क्रिकेटरों ने पिछले दिनों हुए आतंकवादी हमलों के विरोध में यह मैच खेलने से इनकार किया. खिलाड़ी किसी आधिकारिक मंच से नहीं बोले हैं, लेकिन माना जा रहा है कि यह फैसला देश की संवेदनशीलता और सुरक्षा माहौल को ध्यान में रखते हुए लिया गया.
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