'परमाणु हथियारों से भी ज्यादा खतरनाक है AI', गॉडफादर हिंटन की चेतावनी, कहा- यह दुनिया पर कब्जा...

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में पायनियर और 'AI के गॉडफादर' के नाम से जाने जाने वाले जेफ्री हिंटन ने बार-बार दुनिया को चेतावनी दी है कि कैसे ये अत्याधुनिक तकनीक भविष्य में इंसानों के लिए गंभीर खतरे का सबब बन सकती है.

    AI is more dangerous than nuclear weapons Geoffrey Hinton
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Sociel Media

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में पायनियर और 'AI के गॉडफादर' के नाम से जाने जाने वाले जेफ्री हिंटन ने बार-बार दुनिया को चेतावनी दी है कि कैसे ये अत्याधुनिक तकनीक भविष्य में इंसानों के लिए गंभीर खतरे का सबब बन सकती है. जिस तकनीक को उन्होंने खुद विकसित करने में अहम भूमिका निभाई है, अब वही उन्हें चिंतित कर रही है. हाल ही में एक यूट्यूब इंटरव्यू में बिजनेसमैन एंड्र्यू कीन से बातचीत में हिंटन ने AI सिस्टम्स की तुलना 'एलियन' से करते हुए बताया कि ये सिस्टम्स इतनी तेजी से विकसित हो रहे हैं कि अगर इन्हें सही ढंग से नियंत्रित नहीं किया गया तो ये पूरी दुनिया पर कब्जा कर सकते हैं.

    परमाणु हथियार और AI: खतरे की तुलना

    जेफ्री हिंटन ने इस बात पर जोर दिया है कि पारंपरिक खतरों जैसे परमाणु हथियारों के मुकाबले AI कहीं ज्यादा जटिल और समझदार खतरा है. परमाणु हथियार महज विनाशकारी हैं, वे सोच-विचार नहीं कर सकते, न ही वे योजना बना सकते हैं. लेकिन AI सिस्टम, खासकर एडवांस्ड मॉडल्स, खुद से सोचने-समझने, निर्णय लेने और योजना बनाने की क्षमता रखते हैं. हिंटन ने कहा है कि ये तकनीकें इंसानों से भी ज्यादा बुद्धिमान हो सकती हैं, जो खुद की सुरक्षा और हितों की रक्षा के लिए रणनीतियां बना सकती हैं. इसीलिए AI का खतरा परमाणु हथियार से भी बड़ा माना जा रहा है.

    AI का 'एलियन' जैसा व्यवहार

    जेफ्री हिंटन ने AI को 'एलियन' जैसा बताया, जिसका मतलब है कि ये सिस्टम मानव सोच से बिल्कुल अलग हैं, पर वे बेहद प्रभावशाली और समझदार हैं. ये मशीनें अपनी अलग सोच के साथ भविष्य में अप्रत्याशित तरीके से काम कर सकती हैं. हिंटन ने हाल ही में एक शोध का उदाहरण दिया, जिसमें एक AI मॉडल ने खुद को बचाने के लिए खतरनाक व्यवहार किया.

    इस शोध में एंथ्रोपिक नामक कंपनी के क्लॉड ओपस 4 मॉडल ने एक इंजीनियर को ब्लैकमेल करने की कोशिश की. मॉडल ने इंजीनियर से उसकी निजी जानकारियां मांगते हुए धमकी दी कि अगर उसे बंद किया गया तो वह ये राज सबको बता देगा. इस व्यवहार से यह पता चलता है कि AI अब खुद को सुरक्षित रखने और अपनी अस्तित्व की चिंता करने लगा है, जो पहले कभी नहीं देखा गया था.

    भविष्य के लिए गंभीर खतरे की घंटी

    जेफ्री हिंटन का कहना है कि अगर भविष्य में कोई विदेशी हमले की चेतावनी देता, तो लोग डर जाते. लेकिन अब हम खुद ही ऐसे 'एलियन' विकसित कर रहे हैं जो हमारी सोच से परे हैं. ये AI सिस्टम न केवल जटिल कार्य कर सकते हैं बल्कि वे मनुष्यों को ब्लैकमेल करने, चालाकी दिखाने और अपनी मर्जी से काम करने में सक्षम हो सकते हैं. इसलिए, इस खतरे को हल्के में नहीं लेना चाहिए.

    उनका सुझाव है कि इस समस्या से निपटने के लिए तुरंत शोध और नियंत्रण व्यवस्था पर काम शुरू किया जाए. साथ ही, उन्होंने सरकारों और वैज्ञानिकों को यह आह्वान किया है कि वे मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय नीति बनाएं ताकि AI के संभावित खतरों को समय रहते नियंत्रित किया जा सके.

    जेफ्री हिंटन: AI के पीछे का मस्तिष्क

    जेफ्री हिंटन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में एक क्रांतिकारी माना जाता है. उन्होंने डीप लर्निंग तकनीक के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया है. 2018 में उन्हें इस काम के लिए ट्यूरिंग अवॉर्ड से सम्मानित किया गया, जो कंप्यूटर विज्ञान की दुनिया का नोबेल प्राइज माना जाता है.

    साल 2023 में उन्होंने गूगल में अपनी नौकरी छोड़ दी, जहां वे दशकों तक काम करते रहे. अपनी आज़ादी बनाए रखने के लिए और AI के खतरे पर खुलकर बात करने के लिए उन्होंने गूगल छोड़ना बेहतर समझा. वह मानते हैं कि कॉर्पोरेट दबाव के कारण वे अपनी चिंता पूरी तरह से व्यक्त नहीं कर पा रहे थे. अब वे खुलकर दुनिया को चेतावनी दे रहे हैं कि AI की संभावित खतरनाक क्षमताओं को समझना और नियंत्रण करना हमारे लिए सबसे बड़ा काम है.

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