12 जून 2025 को अहमदाबाद में जो हादसा हुआ, उसने पूरे देश को हिला कर रख दिया. एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर प्लेन, टेकऑफ के चंद सेकंड बाद ही मेघानी नगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर शामिल थे. दुखद रूप से, इस भीषण हादसे में सभी की मौत हो गई, सिर्फ एक यात्री को छोड़कर – विश्वास कुमार रमेश. अब सबके मन में एक ही सवाल उठ रहा है – क्या सीट नंबर 11A की जगह प्लेन में कुछ खास होती है? क्या यह सीट ज्यादा सुरक्षित थी? और आखिर कैसे हुआ यह चमत्कार?
कहां होती है बोइंग 787-8 में सीट 11A?
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर का लेआउट मुख्य रूप से तीन हिस्सों में बंटा होता है. सबसे आगे बिजनेस क्लास की 10 रो होती हैं. फिर आता है पैंट्री एरिया. उसके बाद शुरू होती है इकोनॉमी क्लास, जो सीट 11A से शुरू होती है. सीट 11A इकोनॉमी क्लास की पहली पंक्ति में होती है और यह इमरजेंसी एग्जिट के ठीक बगल में होती है. इस सीट के सामने ज्यादा जगह होती है क्योंकि वहीं क्रू मेंबर्स की जंप सीट और एक्सिट डोर होता है. इस सीट के ठीक ऊपर क्रू का रेस्टिंग एरिया और नीचे कार्गो सेक्शन होता है.
कैसे बची सीट 11A पर बैठे यात्री की जान?
प्लेन क्रैश के बाद जो तस्वीरें सामने आईं, उन्होंने यह साफ कर दिया कि कार्गो एरिया हादसे में सबसे कम प्रभावित हुआ. प्लेन के मुख्य हिस्से में जहां आग और धमाके से पूरी तबाही मची, वहीं कार्गो एरिया काफी हद तक सुरक्षित रहा.
ऐसी संभावना जताई जा रही है कि धमाके के समय प्लेन का कार्गो सेक्शन सबसे पहले अलग हो गया था. इमरजेंसी एग्जिट के पास बैठने के कारण विश्वास कुमार वहां से बाहर गिर पड़े होंगे या उन्हें निकलने का रास्ता मिल गया होगा. यही वजह हो सकती है कि विश्वास इस भयानक हादसे में जिंदा बच पाए. विमान में 11A सीट के आसपास आमतौर पर ज्यादा खुली जगह होती है और यह इमरजेंसी रेस्क्यू के लिहाज से भी बेहतर मानी जाती है.
कार्गो एरिया रहा सुरक्षित
प्लेन के कार्गो डिब्बे में रखे बैगेज हादसे के बाद भी सही-सलामत पाए गए. इससे यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि धमाका प्लेन के ऊपरी हिस्से में ज्यादा प्रभावी था जबकि निचला हिस्सा कम क्षतिग्रस्त हुआ. शायद यही एक बड़ा कारण है कि सीट 11A का क्षेत्र अपेक्षाकृत सुरक्षित रह गया.
क्या सीट 11A वाकई ज्यादा सुरक्षित होती है?
सामान्य तौर पर विमान में कोई भी सीट पूरी तरह "सुरक्षित" नहीं मानी जाती, लेकिन इमरजेंसी एग्जिट के पास की सीटें थोड़ी ज्यादा सर्वाइवल चांस देती हैं क्योंकि वहां से जल्दी निकला जा सकता है. इस मामले में विश्वास कुमार की किस्मत, सीट की लोकेशन और तुरंत बाहर निकलने का मौका – इन तीनों ने मिलकर उनकी जान बचाई.
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