Ahamdabad Plane Crash: गुरुवार को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 241 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. इस हादसे को भारत के अब तक के सबसे भयावह विमान हादसों में गिना जा रहा है. हालांकि हादसे की आधिकारिक वजह सामने नहीं आई है, लेकिन एविएशन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बर्ड स्ट्राइक (पक्षी टकराव) इस दुर्घटना की एक बड़ी वजह हो सकती है.
यह हादसा एक बार फिर अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास आसारवा मछली बाजार के कारण बढ़ते पक्षियों के खतरे पर सवाल खड़े कर रहा है. सालों से इस बाजार को हटाने की चर्चा चल रही है, लेकिन आज भी ये बाजार अपनी जगह पर कायम है.
मछली बाजार और एयरपोर्ट की सुरक्षा: कैसे जुड़ा है सीधा रिश्ता?
साल 2011 में गुजरात फिशरीज सेंट्रल को-ऑपरेटिव एसोसिएशन (GFCCA) ने आसारवा में करीब 10,241 वर्ग मीटर में मछली बाजार बनाने की योजना बनाई थी. लेकिन स्थानीय विरोध के चलते बाद में इसे मकरबा शिफ्ट करने का प्रस्ताव सामने आया. AMC ने मकरबा में 5,601 वर्ग मीटर जमीन उपलब्ध कराने का ऑफर दिया.
दोनों जमीनों की कीमत में थोड़ा फर्क था, लेकिन यह प्रस्ताव 2022 में AMC की कमेटी में अटक गया. तब से लेकर आज तक बाजार उसी अस्थायी जगह पर चल रहा है, जो एयरपोर्ट के लिए लगातार खतरा बना हुआ है. एक अधिकारी के अनुसार, "GFCCA को 2.90 करोड़ रुपये की सहायता से मछली बाजार बनाना था, लेकिन जमीन बदलने की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई."
बर्ड स्ट्राइक: पुरानी लेकिन नजरअंदाज होती समस्या
अहमदाबाद एयरपोर्ट के आसपास पक्षियों के टकराने का खतरा नया नहीं है. 2022 में एयरपोर्ट अथॉरिटी ने कबूतरबाजी और पक्षियों के झुंड की समस्या को लेकर अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (AMC) से कड़ी कार्रवाई की मांग की थी. लेकिन AMC ने इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला बता दिया. आसारवा, सरदारनगर, कुबेरनगर और मेघानीनगर जैसे इलाकों में कबूतरबाजी और मछली बाजार पक्षियों को आकर्षित करते हैं, जिससे हवाई यातायात पर लगातार खतरा बना रहता है. इस मुद्दे पर बैठकें तो हुईं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए.
एक्सपर्ट्स की राय: हादसे की संभावित वजहें
पूर्व पायलट कैप्टन मोहन रंगनाथन का मानना है कि यदि उड़ान के दौरान दोनों इंजनों में एक साथ पक्षी घुस जाएं तो विमान की ताकत अचानक गिर जाती है और ऐसी स्थिति में विमान क्रैश कर सकता है. उन्होंने कहा, "अगर आस-पास बहुमंजिला इमारतें न होतीं, तो शायद जान बच सकती थी." फ्लाइंग बर्ड्स एविएशन के सीईओ आशीष कुमार के अनुसार, "विमान काफी नया था, इसमें 60% से ज्यादा ऑपरेशनल लाइफ बची थी. इसीलिए तकनीकी खराबी या पायलट की गलती की संभावना कम है. अहमदाबाद में बर्ड स्ट्राइक की समस्या लंबे समय से बनी हुई है."
वहीं, पूर्व डिफेंस पायलट विपुल सक्सेना ने कहा कि टेकऑफ के दौरान 600 फीट की ऊंचाई पर विमान के लैंडिंग गियर का खुला होना खतरे को बढ़ा सकता है. गर्म मौसम और तेज हवाओं ने स्थिति और बिगाड़ दी होगी.
ब्लैक बॉक्स से खुलेगा सच
एयर इंडिया के पूर्व निदेशक जितेंद्र भार्गव का कहना है कि "ब्लैक बॉक्स की जांच पूरी होने के बाद ही दुर्घटना के असली कारण सामने आ सकेंगे. फिलहाल अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी."