पाकिस्तानी जेल से 216 कैदियों के बाद हेड कॉन्स्टेबल भी फरार, भगाने में मदद करने का था आरोप, वीडियो

    पाकिस्तान के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले जेल परिसरों में से एक कराची के मालिर जेल की दीवारें उस रात कुछ नहीं रोक सकीं, जब 216 कैदी रात के अंधेरे में फरार हो गए.

    After prisoners head constable also absconded from Pakistani jail
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- X

    इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले जेल परिसरों में से एक कराची के मालिर जेल की दीवारें उस रात कुछ नहीं रोक सकीं, जब 216 कैदी रात के अंधेरे में फरार हो गए. इस सनसनीखेज घटनाक्रम के कुछ दिन बाद अब हेड कॉन्स्टेबल राशिद 'चिंगारी' भी लापता हैं और उन पर फरारी में 'मददगार' की भूमिका निभाने का आरोप है.

    इस पूरे मामले ने न केवल सिंध की जेल व्यवस्था, बल्कि पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा की पोल खोलकर रख दी है.

    राशिद चिंगारी: जेलर या भगोड़ा सहयोगी?

    पहले जिन 23 जेल अधिकारियों को निलंबित किया गया, उनमें राशिद का नाम शामिल नहीं था. लेकिन जैसे-जैसे जांच गहराई में गई, उनके फरार होने की पुष्टि हुई और अब उनकी गिरफ्तारी के आदेश जारी हो चुके हैं.

    पाकिस्तान के जेल मंत्री अली हसन जरदारी खुद इस मामले की निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने दो टूक कहा है: "पद कोई भी हो, जो दोषी है, उसे बख्शा नहीं जाएगा."

    जेल बनी 'आसान रास्ते की पगडंडी'

    शुरुआती जांच में स्पष्ट हो गया है कि फरारी सिर्फ बाहर से नहीं हुई, बल्कि जेल के अंदर बैठे लोग ही दरवाजे खोल रहे थे. सिंध सरकार के अनुसार, 126 कैदी लौट आए हैं, लेकिन 90 अब भी फरार हैं और देशभर में छापेमारी जारी है.

    इस 'भागमभाग' में एक कैदी की मौत हो चुकी है और चार सुरक्षाकर्मी घायल हैं. सुरक्षा इंतजामों की बात करें तो मालिर जेल में सीसीटीवी कैमरे तक नहीं थे. ऐसे में फरारी की असली तस्वीर अभी भी धुंधली है.

    आत्मसमर्पण करने पर सरकार की नरमी

    सिंध सरकार ने फरार कैदियों को 24 घंटे में लौट आने की चेतावनी दी थी और आत्मसमर्पण करने वालों के लिए कुछ नरमी बरतने की बात कही थी. लेकिन जो अब तक नहीं लौटे, उन्हें जेल तोड़ने के अपराध में 7 साल की अतिरिक्त सजा का सामना करना पड़ेगा.

    हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम कानूनी अनुशासन की कमजोरी और सरकार की लाचारी का संकेत है.

    बड़े स्तर पर कार्रवाई: IG समेत 23 अफसर सस्पेंड

    इस हादसे को कराची के इतिहास की सबसे बड़ी जेल सुरक्षा विफलता माना जा रहा है. अब तक:

    • IG जेल विभाग
    • DIG जेल
    • मालिर जेल सुपरिंटेंडेंट
    • सहित कुल 23 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.

    गृह मंत्री जुल्फिकार लांजार ने कहा कि हर फरार कैदी की पहचान और रिकॉर्ड उपलब्ध है और पुलिस उनके घरों और संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है.

    सुरक्षा की दुर्गति: यह पहला मौका नहीं है

    पाकिस्तान में जेल ब्रेक की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं:

    • 2023: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के रावलकोट जेल से 19 कैदी फरार हुए थे. इनमें से 6 को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी थी.
    • 2012: बन्नू जेल से 400 से अधिक कैदी फरार हो गए थे, जिनमें कई आतंकी भी शामिल थे.

    इन घटनाओं से साफ है कि पाकिस्तान की जेलें ‘कड़ी सुरक्षा’ के नाम पर बस एक भ्रम हैं, जिनका ताला चंद रिश्वत, मिलीभगत या बंदूक के दम पर खुल सकता है.

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