एक चोर ऐसा भी... 2 साल से लड़कियों के अंडर गारमेंट्स करता था चोरी, CCTV से खुला राज, जानें मामला

    छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में एक ऐसा चोरी का मामला सामने आया है जिसने सभी को हैरत में डाल दिया है.

    A thief was stealing girls undergarments for 2 years
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    अंबिकापुर (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में एक ऐसा चोरी का मामला सामने आया है जिसने सभी को हैरत में डाल दिया है. यह मामला सामान्य चोरी से बिलकुल अलग है — यहां चोरी हो रहे थे लड़कियों के अंडर गारमेंट्स और वह भी लगातार दो वर्षों से! हैरानी की बात यह है कि जब तक सीसीटीवी कैमरे में आरोपी की हरकतें कैद नहीं हुईं, तब तक यह महज एक शक था.

    स्किल डेवलपमेंट सेंटर बना था निशाना

    यह मामला सरगुजा के कमलेश्वरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत रोपाखर गांव का है, जहां वेदांता स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा एक प्रशिक्षण केंद्र संचालित किया जा रहा है. इस केंद्र में 45 से 50 युवतियां हर तीन महीने के बैच में सिलाई का प्रशिक्षण लेने आती हैं.

    पिछले दो सालों से प्रशिक्षणार्थियों ने शिकायत की थी कि उनके कपड़े, खासकर अंडर गारमेंट्स, बार-बार गायब हो रहे हैं. लेकिन कोई ठोस सबूत न होने के कारण बात सिर्फ संदेह तक सीमित रह जाती थी.

    CCTV ने खोला राज

    हाल ही में, चोरी की लगातार घटनाओं से परेशान होकर केंद्र की महिला ट्रेनर ने परिसर में CCTV कैमरे लगवाए. और आखिरकार, एक रात कैमरे में एक युवक की गतिविधि कैद हो गई, जो बेहद सावधानी से परिसर में घुसकर सूखने के लिए डाले गए अंडर गारमेंट्स को चुराते देखा गया.

    पुलिस कर रही है जांच, जल्द होगी गिरफ्तारी

    CCTV फुटेज के आधार पर जब ट्रेनर ने स्थानीय कमलेश्वरपुर थाना में शिकायत दर्ज करवाई, तो पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी. थाना प्रभारी ने बताया कि वीडियो की सत्यता की पुष्टि कर ली गई है और आरोपी की पहचान की जा रही है. जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

    मानसिक स्वास्थ्य और जागरूकता की जरूरत

    इस तरह की घटनाएं केवल कानून व्यवस्था की बात नहीं हैं, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक व्यवहार और नैतिक शिक्षा जैसे विषयों की ओर भी ध्यान आकर्षित करती हैं. दो साल तक एक ही तरह की चोरी करना यह दर्शाता है कि यह केवल एक अपराध नहीं बल्कि मानसिक अस्वस्थता का मामला भी हो सकता है, जिसकी सही तरीके से जांच होनी चाहिए.

    प्रशिक्षण केंद्रों की सुरक्षा पर विचार जरूरी

    इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि महिला-केंद्रित संस्थानों और छात्रावासों में सुरक्षा के क्या मापदंड होने चाहिए. समय रहते उचित कदम न उठाए जाएं तो छोटी-छोटी घटनाएं न केवल महिलाओं की सुरक्षा को खतरे में डालती हैं, बल्कि उनके आत्मसम्मान पर भी चोट करती हैं.

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