वॉशिंगटन, डीसी: अमेरिका को एक बड़ी आतंकी त्रासदी से बचा लिया गया है. संघीय जांच एजेंसी एफबीआई ने खुलासा किया है कि उसने मिशिगन राज्य के वॉरेन शहर में स्थित अमेरिकी सेना के एक प्रमुख सैन्य अड्डे पर हमले की साजिश को विफल कर दिया है. इस हमले की योजना आतंकी संगठन ISIS से प्रेरित एक व्यक्ति द्वारा बनाई गई थी, जो अब एजेंसी की गिरफ्त में है.
एफबीआई के सहायक निदेशक काश पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि संदिग्ध का नाम अम्मार अब्दुल माजिद-मोहम्मद सईद है. उस पर आरोप है कि वह अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर गोलीबारी और जनहानि की योजना बना रहा था.
NEW from your FBI: I can now confirm reports that our FBI teams and partners foiled an attempted ISIS attack on one of our U.S. military bases in Warren, Michigan.
— FBI Director Kash Patel (@FBIDirectorKash) May 15, 2025
The individual, Ammar Abdulmajid-Mohamed Said, plotted a mass shooting at the U.S. Army’s Tank-Automotive &…
TACOM सैन्य अड्डा था निशाने पर
एफबीआई के अनुसार, सईद का टारगेट था Tank-Automotive & Armaments Command (TACOM)—अमेरिकी सेना का एक अत्यंत संवेदनशील और रणनीतिक सैन्य केंद्र. यह अड्डा अमेरिकी रक्षा लॉजिस्टिक्स और टैक्टिकल सपोर्ट की रीढ़ माना जाता है. सईद इस स्थान की रेकी कर चुका था और अपनी योजना को जल्द ही अंजाम देने की फिराक में था.
अंडरकवर ऑपरेशन ने रोका हमला
FBI और संबंधित एजेंसियों ने इस संभावित आतंकी हमले को रोकने के लिए महीनों से सतर्कता बरती हुई थी. अंडरकवर एजेंट्स और डिजिटल सर्विलांस की मदद से संदिग्ध की गतिविधियों पर बारीकी से नज़र रखी जा रही थी. संदिग्ध की ऑनलाइन गतिविधियों, खासकर एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स पर उसकी बातचीत से महत्वपूर्ण सुराग मिले, जिसके आधार पर उसे बीते सप्ताह गिरफ्तार किया गया.
गंभीर आरोपों में केस दर्ज
सईद पर विदेशी आतंकी संगठन को समर्थन देने, आतंकी साजिश रचने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने जैसे कई गंभीर आरोप दर्ज किए गए हैं. एफबीआई का कहना है कि उसके पास पर्याप्त सबूत हैं, और मामले को अब संघीय अदालत में आगे बढ़ाया जाएगा.
जानें बच गईं, खतरा नहीं टला
एफबीआई के सहायक निदेशक काश पटेल ने कहा, "हमारी एजेंसियों ने एक बड़ी त्रासदी को समय रहते टाल दिया है. यह कार्रवाई दर्शाती है कि घरेलू आतंकी खतरे अब भी सक्रिय हैं और हमें लगातार सतर्क रहने की ज़रूरत है."
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि डिजिटल माध्यमों से कट्टरपंथी विचारधारा के प्रसार और नेटवर्किंग को रोकने के लिए तकनीकी विशेषज्ञता और अंतर-एजेंसी समन्वय बेहद अहम है.
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