रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 30 जुलाई को 8.8 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया, जिसने न केवल रूस बल्कि पूरे प्रशांत महासागर क्षेत्र को हिला कर रख दिया. इस भूकंप ने आसपास के देशों में सुनामी का खतरा पैदा कर दिया, जिससे लाखों लोगों की जिंदगी पर संकट मंडरा रहा है. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि क्यों यह भूकंप इतना गंभीर है और इसके पीछे क्या भूकंपीय गतिविधियाँ काम कर रही हैं.
दुनिया का सबसे बड़ा और गहरा महासागर
प्रशांत महासागर पृथ्वी का सबसे बड़ा और गहरा महासागर है, जो लगभग 165.25 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैला है. इसकी औसतन गहराई 4,280 मीटर है, और यह एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका को जोड़ता है. इस विशाल महासागर का एक प्रमुख हिस्सा ओखोत्सक सागर है, जो इसका उत्तर-पश्चिमी हिस्सा है और कई भूकंपीय घटनाओं का केंद्र है.
ओखोत्सक सागर: एक भूकंपीय केंद्र
ओखोत्सक सागर, जो लगभग 1.58 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैला है, प्रशांत महासागर का एक अहम हिस्सा है. यह सागर रूस के कामचटका प्रायद्वीप, कुरील द्वीप, जापान के होक्काइडो द्वीप, सखालिन द्वीप और पूर्वी साइबेरिया से घिरा हुआ है. इस सागर की गहराई औसतन 859 मीटर है और अधिकतम गहराई 3,372 मीटर तक जाती है. इसे प्रशांत महासागर का ‘दिल’ कहा जाता है, क्योंकि यह समुद्री जीवन के लिए पोषक तत्व और ठंडा पानी प्रदान करता है.
पैसिफिक रिंग ऑफ फायर: भूकंप का केंद्र
प्रशांत महासागर के चारों ओर एक भूकंपीय घेरा है जिसे पैसिफिक रिंग ऑफ फायर कहा जाता है. यह इलाका जहां पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेट्स आपस में टकराती हैं, भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है. इस क्षेत्र में होने वाले भूकंपों की वजह से सुनामी जैसी खतरनाक लहरें उत्पन्न होती हैं. ओखोत्सक सागर भी इसी रिंग का हिस्सा है, और यहां की भूकंपीय गतिविधियाँ सबसे ज्यादा प्रभावी रहती हैं.
12 देशों पर सुनामी का खतरा
रूस के कामचटका प्रायद्वीप में हुए शक्तिशाली भूकंप के बाद प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र (PTWC) ने 12 देशों को सुनामी की चेतावनी जारी की. इनमें रूस, जापान, हवाई, कैलिफोर्निया, अलास्का, सोलोमन द्वीप, चिली, इक्वाडोर, पेरू, फिलीपींस, गुआम और न्यूजीलैंड शामिल हैं. इन देशों के तटीय इलाकों में लाखों लोगों की जिंदगी खतरे में है, और ऐसे में भूकंप के बाद के घंटों में सभी देशों को सतर्क रहने की आवश्यकता है.
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