Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में रोड एक्सीडेंट की घटनाएं अभी भी चिंता का विषय बनी हुई हैं. बीते पांच महीनों यानी जनवरी से मई 2025 तक करीब 2,235 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 577 लोगों की जान चली गई और 2,187 लोग घायल हुए. हालांकि ये आंकड़े साल 2024 के समान अवधि से थोड़े कम हैं, फिर भी हर दिन लगभग चार मौतें सड़क हादसों में हो रही हैं, जो बेहद गंभीर चुनौती है.
आंकड़ों में मिली राहत, लेकिन घायलों की संख्या बढ़ी
दिल्ली पुलिस के जारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2024 की शुरुआत के पांच महीनों में कुल 2,322 हादसे हुए थे, जिनमें 652 लोगों की मौत हुई थी. यानी मौतों में कुछ कमी आई है. लेकिन घायलों की संख्या बढ़ना चिंता की बात है. 2024 में 2,106 लोग घायल हुए थे जबकि इस साल वही आंकड़ा बढ़कर 2,187 पहुंच गया है. यह दर्शाता है कि सड़क सुरक्षा के मुद्दे अभी भी गंभीर बने हुए हैं और इसके लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
सबसे भयावह रहा मार्च का महीना
साल 2025 का मार्च दिल्ली में सबसे खतरनाक साबित हुआ. इस महीने 137 हादसे हुए और 139 लोगों की मौत दर्ज की गई. अप्रैल में हादसों की संख्या थोड़ी कम हुई, जिसमें 91 दुर्घटनाओं में 476 लोग घायल हुए. मई में कुल 458 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें से 100 बड़े हादसे थे, 107 लोगों ने जान गंवाई और 458 घायल हुए. मई में पिछले साल के मुकाबले बड़े हादसों में 13.5% की कमी आई है, जो एक सकारात्मक संकेत है.
दिल्ली पुलिस की चुनौती
दिल्ली देश की राजधानी होने के कारण यहां हुई सड़क दुर्घटनाएं पूरे देश में चर्चा का विषय बन जाती हैं. दिल्ली पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती है कि वे सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाएं और हादसों को कम करें. मौतों में कमी आई है लेकिन घायलों की बढ़ती संख्या दर्शाती है कि अभी भी यातायात नियमों का सही पालन और सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता जरूरी है.
हालांकि 2025 में रोड एक्सीडेंट के मामलों में मौतों की संख्या में कुछ कमी आई है, लेकिन दुर्घटनाओं की संख्या और घायलों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बनी हुई है. सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार, प्रशासन और जनता को मिलकर काम करना होगा ताकि दिल्ली की सड़कों को सुरक्षित बनाया जा सके और अनावश्यक मौतों को रोका जा सके.
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