North Korea ICBM Capability: एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तनाव तेजी से बढ़ रहा है, और इसकी मुख्य वजह है उत्तर कोरिया की मिसाइल ताकत में हो रहा तेज विस्तार. Newsweek के एक नए मैप ने स्पष्ट किया है कि किम जोंग-उन द्वारा विकसित की जा रही लंबी दूरी की मिसाइलें अब सिर्फ दक्षिण कोरिया और जापान तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि सीधे अमेरिका के पैसिफिक बेस और यहां तक कि उसके 48 मुख्य राज्यों को भी निशाना बना सकती हैं.
किम जोंग-उन लगातार संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों की अनदेखी कर नई बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण और निर्माण कर रहे हैं. ये मिसाइलें तकनीक के लिहाज़ से काफी एडवांस्ड हैं, उन्हें कम समय में पकड़ा जा सकता है, उन्हें मोबाइल लॉन्चर्स से फायर किया जा सकता है, और वे हजारों मील दूर तक मार कर सकती हैं.
दूसरी ओर, उत्तर कोरिया का तर्क है कि इन हथियारों की ज़रूरत उसे अपनी सुरक्षा के लिए है, क्योंकि अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया संयुक्त सैन्य अभ्यास करके उस पर दबाव बनाते रहते हैं. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इन मिसाइलों की रेंज और क्षमता क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन रही है.
ह्वासोंग-9: एशिया में अस्थिरता की शुरुआत
ह्वासोंग-9, जिसे Scud-ER के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर कोरिया की मिसाइल श्रृंखला में वह हथियार है जो दक्षिण कोरिया और जापान की सुरक्षा चिंताओं को सबसे पहले जन्म देता है. करीब 620 माइल की रेंज वाली यह मिसाइल दक्षिण कोरिया के लगभग हर हिस्से और जापान के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र तक पहुंच सकती है. हाई-एक्सप्लोसिव, केमिकल और मिनी-न्यूक्लियर वारहेड ले जाने की क्षमता और मोबाइल लॉन्चिंग सिस्टम इसे रोकने की कोशिश को बेहद कठिन बना देते हैं.
ह्वासोंग-10: Guam को सीधे खतरे में डालने वाली मिसाइल
इसके बाद आती है ह्वासोंग-10, या BM-25 Musudan. लगभग 2,490 माइल की दूरी तय करने वाली यह मिसाइल अमेरिका के Guam जैसे महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को सीधे अपनी रेंज में लाती है. करीब 2,600 पाउंड भारी वारहेड की क्षमता इसे और भी अधिक विनाशकारी बना देती है. इस मिसाइल ने उत्तर कोरिया को पहली बार अमेरिका के पैसिफिक रणनीतिक ढांचे को चुनौती देने की स्थिति में ला खड़ा किया.
ह्वासोंग-14: वैश्विक खतरे में बदलती मिसाइल शक्ति
ह्वासोंग-14, या KN-20, उत्तर कोरिया की पहली ICBM है और सबसे गंभीर चिंता का कारण भी. पेलोड के आधार पर यह लगभग 6,460 माइल तक उड़ान भर सकती है, जिसका अर्थ है कि हवाई, अलास्का और अमेरिका के बड़े हिस्से अब इसकी पहुंच में हैं. यही मिसाइल उत्तर कोरिया को क्षेत्रीय खतरे से एक वैश्विक परमाणु चुनौती के रूप में स्थापित करती है.
भविष्य की स्थिति कैसी दिखती है?
यूएस डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के अनुसार, फिलहाल उत्तर कोरिया के पास ऐसी 10 से कम मिसाइलें हैं जो अमेरिका को हिट कर सकती हैं. लेकिन आने वाले समय में यह संख्या तेजी से बढ़ सकती है, 2035 तक इसके 50 तक पहुंच जाने का अनुमान है. इसका अर्थ है कि आने वाले दशक में किम जोंग-उन की मिसाइल क्षमता अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक शक्ति संतुलन दोनों के लिए बड़ा और प्रत्यक्ष खतरा बन सकती है.
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