यूपी के इस जिले में हुआ देश के पहले 3D होलोग्राफिक प्रोजेक्टर का ट्रायल, जानिए क्या है इसकी खासियत

    3D होलोग्राफिक तकनीक एक ऐसी वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें लेजर किरणों और प्रकाश तरंगों के माध्यम से हवा में तैरती हुई थ्री-डायमेंशनल छवि बनाई जाती है. यह किसी वस्तु को इस तरह पेश करती है कि वह बिल्कुल असली जैसी दिखती है.

    3D holographic Projector Trail in Moradabad
    Image Source: Social Media

    Holographic Projector: उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद शहर अब सिर्फ पीतल नगरी नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी और आधुनिक मनोरंजन की नई पहचान भी बनता जा रहा है. देश का पहला 3D होलोग्राफिक प्रोजेक्टर और प्रदेश का दूसरा 5D मोशन थिएटर मुरादाबाद में तैयार हो चुका है, जिनका ट्रायल शो हाल ही में कंपनी बाग पार्क में सफलता पूर्वक आयोजित किया गया.

    रविवार को आयोजित पहले ट्रायल शो में मुरादाबाद की सांस्कृतिक विविधता, धार्मिक सौहार्द और इतिहास को दिखाया गया. कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने इस तकनीकी चमत्कार को सराहा. नगर निगम मुरादाबाद की इस अनूठी पहल ने साबित कर दिया है कि तकनीक के मामले में अब छोटे शहर भी बड़े सपने देखने लगे हैं.

    आम जनता के लिए जल्द खुलेगा दरवाज़ा'

    महापौर विनोद अग्रवाल ने बताया कि यह मुरादाबादवासियों के लिए नगर निगम की एक बड़ी सौगात है. शो देखने के लिए 75 से 100 रुपए तक का मामूली शुल्क रखा गया है, ताकि अधिकतर लोग इसका लाभ उठा सकें. आने वाले समय में 3D प्रोजेक्टर के ज़रिए 'ऑपरेशन सिंदूर' और सेना के शौर्य की झलकियां भी जनता को दिखाई जाएंगी.

    महापौर ने यह भी कहा कि शहर के लोगों को उच्च स्तरीय सुविधाएं देने के उद्देश्य से मुरादाबाद को लगातार नई तकनीकों से लैस किया जा रहा है. इसका उद्देश्य न सिर्फ स्थानीय लोगों को बेहतर अनुभव देना है, बल्कि बाहरी पर्यटकों को भी शहर की ओर आकर्षित करना है.

    नगर निगम की पहल से बदल रही तस्वीर

    नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने बताया कि मुरादाबाद में जो सुविधाएं विकसित की जा रही हैं, वे राज्य स्तर पर अद्वितीय हैं. पार्कों में उच्च स्तरीय मनोरंजन और आरामदायक संरचनाएं बनाई गई हैं जो पूरे प्रदेश में केवल मुरादाबाद में उपलब्ध हैं.

    क्या है 3D होलोग्राफिक तकनीक?

    3D होलोग्राफिक तकनीक एक ऐसी वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें लेजर किरणों और प्रकाश तरंगों के माध्यम से हवा में तैरती हुई थ्री-डायमेंशनल छवि बनाई जाती है. यह किसी वस्तु को इस तरह पेश करती है कि वह बिल्कुल असली जैसी दिखती है. दर्शक उसे अलग-अलग कोणों से देख सकते हैं.

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