Himachal Pradesh Disaster: हिमाचल प्रदेश में मानसून ने इस बार तबाही मचा दी है. लगातार हो रही बारिश, भूस्खलन और बाढ़ ने प्रदेश की कई ज़िंदगियों को प्रभावित किया है. 116 लोगों की मौत हो चुकी है और बुनियादी ढांचों का काफी नुकसान हुआ है. प्रशासन राहत-बचाव कार्यों में जुटा हुआ है, लेकिन मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए और भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. आइए जानते हैं हिमाचल प्रदेश में मानसून की तबाही की पूरी कहानी.
बारिश और भूस्खलन से सड़कों की स्थिति गंभीर
मानसून की बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश में 230 से ज्यादा सड़कों का संपर्क टूट चुका है. इसमें मंडी, कांगड़ा और कुल्लू जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. मंडी में 121, कुल्लू में 23 और सिरमौर में 13 सड़कों पर आवाजाही बंद है. इसके साथ ही 81 बिजली वितरण ट्रांसफार्मर और 61 जल आपूर्ति सुविधाएं भी प्रभावित हुई हैं. प्रशासन लगातार इन सेवाओं को बहाल करने का प्रयास कर रहा है.
मौतों का आंकड़ा बढ़ा
मानसून के कारण अब तक हिमाचल प्रदेश में 116 लोगों की जान जा चुकी है. इसमें से 68 मौतें सीधी बारिश और उससे जुड़ी आपदाओं के कारण हुई हैं. वहीं, 48 लोगों की मौत बारिश के कारण उत्पन्न अन्य घटनाओं जैसे खराब मौसम और दृश्यता के कारण हुई है. इसके अलावा, 199 लोग घायल हुए हैं और 35 लोग अब भी लापता हैं. राहत-बचाव कार्य के दौरान एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें सक्रिय रूप से मदद कर रही हैं.
भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए राज्य के विभिन्न इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी है. प्रदेश के कई क्षेत्रों में येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि मानसून की वजह से राज्य में और भी खतरे पैदा हो सकते हैं. विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और उन्हें घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है, खासकर नदी और जल स्रोतों के पास.
1220 करोड़ का हुआ नुकसान
मानसून में अब तक हिमाचल प्रदेश को 1220 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है. राज्य में बाढ़ की 31 घटनाएं, बादल फटने की 22 घटनाएं और भूस्खलन की 19 घटनाएं हुई हैं. इन घटनाओं से बड़ी संख्या में लोगों की जिंदगियां प्रभावित हुई हैं और संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ है. प्रशासन और बचाव दल स्थिति को संभालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं के चलते राहत कार्यों में बाधाएं भी आ रही हैं.
बचाव कार्य में जुटे स्थानीय लोग
हालांकि प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है, लेकिन प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के दल लगातार बचाव कार्य में लगे हुए हैं. प्रशासन ने लोगों को नदी और जल स्रोतों के पास न जाने की चेतावनी दी है. इसके साथ ही, बाढ़ जैसी आपदाओं से बचने के लिए लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है. उम्मीद है कि राहत कार्यों के माध्यम से स्थिति जल्द सामान्य होगी. इस समय हिमाचल प्रदेश में मानसून का प्रकोप जारी है और सरकार और प्रशासन पूरी तरह से राहत-बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं. लोगों को सतर्क रहने और प्रशासन की सलाहों का पालन करने की आवश्यकता है, ताकि इस कठिन समय में सुरक्षित रह सकें.
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