Indian Infection Rate: भारत में संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. हाल ही में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं, जिनसे पता चलता है कि देश में हर 9 में से 1 व्यक्ति किसी न किसी संक्रामक बीमारी से प्रभावित है. यह आंकड़ा न केवल स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए चेतावनी है, बल्कि आम लोगों के लिए भी सतर्क होने की जरूरत दर्शाता है. ICMR ने यह डेटा अपने वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब नेटवर्क के माध्यम से एकत्रित किया है.
रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से मार्च 2025 के बीच लिए गए 2,28,856 सैंपलों में 24,502 यानी 10.7% में संक्रमण पाया गया. वहीं अप्रैल से जून 2025 के बीच 2,26,095 सैंपलों में 26,055 यानी 11.5% संक्रमित पाए गए. इसका मतलब है कि केवल तीन महीनों में संक्रमण दर में 0.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई. विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामूली वृद्धि दिख सकती है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. यह संकेत देता है कि देश में संक्रामक रोगों का खतरा लगातार बढ़ रहा है और समय रहते कदम न उठाए गए तो भविष्य में बड़ा स्वास्थ्य संकट खड़ा हो सकता है.
कौन-कौन से संक्रमण बढ़ रहे हैं?
ICMR की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में सबसे अधिक संक्रमण वाले रोगों में इंफ्लुएंजा ए, डेंगू, हेपेटाइटिस ए, नोरोवायरस और हर्पीज सिंप्लेक्स वायरस शामिल हैं. इन संक्रमणों के कारण सांस संबंधी समस्याएं, पीलिया, दस्त और मानसिक स्वास्थ्य पर असर जैसे खतरनाक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह डेटा मौसमी बीमारियों और नए संक्रमणों के लिए अर्ली वॉर्निंग के रूप में काम कर सकता है. यदि संक्रमण के तिमाही आंकड़ों की नियमित निगरानी की जाए तो भविष्य में महामारी जैसी परिस्थितियों को रोका जा सकता है.
2014 से अब तक 40 लाख से ज्यादा सैंपल टेस्ट
ICMR ने यह भी बताया कि 2014 से 2024 के बीच देशभर में 40 लाख से ज्यादा सैंपलों की जांच की गई, जिनमें 18.8% सैंपलों में संक्रमण दर पैदा करने वाले रोगाणु पाए गए. संक्रमण दर में वृद्धि के पीछे तेजी से बढ़ता शहरीकरण, भीड़भाड़, स्वच्छता की कमी और जलवायु परिवर्तन जैसे कारण शामिल हैं. ये सभी परिस्थितियां वायरस और बैक्टीरिया के फैलने के लिए अनुकूल माहौल तैयार करती हैं.
बढ़ता संक्रमण, स्वास्थ्य व्यवस्था पर बढ़ता बोझ
ICMR की रिपोर्ट और विशेषज्ञों की चेतावनी साफ़ करती है कि अगर इस बढ़ते संक्रमण के ट्रेंड पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह भविष्य में देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी बोझ डाल सकता है. आम जनता के लिए यह जरूरी है कि स्वच्छता, समय पर टीकाकरण और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों का पालन किया जाए ताकि संक्रमण की लहर को रोकने में मदद मिल सके.
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