प्रयागराज (उत्तर प्रदेश): अधिकारियों ने बताया कि बसंत पंचमी के अवसर पर तीसरे 'अमृत स्नान' पर सोमवार सुबह आठ बजे तक 62.2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई.
महाकुंभ 2025 का आखिरी अमृत स्नान आज बसंत पंचमी के मौके पर हो रहा है.
2 फरवरी तक 34.97 करोड़ भक्तों ने लगाई डुबकी
उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अनुसार, 13 जनवरी को महाकुंभ मेला शुरू होने के बाद से 2 फरवरी तक 349.7 मिलियन (34.97 करोड़) से अधिक भक्तों ने पवित्र स्नान अनुष्ठान में भाग लिया है.
कल्पवासियों - महीने भर की आध्यात्मिक तपस्या करने वाले भक्तों - की संख्या 1 मिलियन से अधिक हो गई है, जिससे आध्यात्मिक उत्साह बढ़ गया है.
आज 5.22 मिलियन तीर्थयात्रियों ने डुबकी लगाई
इसके अलावा, बसंत पंचमी पर अमृत स्नान के तहत आज कुल 5.22 मिलियन तीर्थयात्रियों ने डुबकी लगाई है.
बसंत पंचमी के अवसर पर त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगा रहे श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गई.
बसंत पंचमी पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई
बसंत पंचमी के अवसर पर प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई, हजारों लोगों ने पवित्र त्रिवेणी संगम- गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में पवित्र डुबकी लगाई.
अमृत स्नान में निरंजनी अखाड़े के प्रमुख कैलाशानंद गिरि महाराज समेत विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत शामिल हुए. इस शुभ अवसर पर नागा साधुओं ने भी पवित्र स्नान किया.
सरकार ने इस अवसर के लिए व्यवस्था की है
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस अवसर के लिए प्रयागराज में विस्तृत व्यवस्था की है, जिसकी भक्तों और संतों ने प्रशंसा की है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए आए हैं और सरकार की व्यवस्थाएं सराहनीय हैं.
कई भक्तों ने भी अपनी सराहना व्यक्त की, एक ने कहा, "व्यवस्था बहुत अच्छी है. पीएम मोदी और सीएम योगी ने तीर्थयात्रियों के लिए एक सहज और सुरक्षित अनुभव सुनिश्चित किया है. मैं बसंत पंचमी और महाकुंभ2025 पर सभी को शुभकामनाएं देता हूं."
सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है
बसंत पंचमी का हिंदू त्योहार, जिसे वसंत पंचमी, श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है, वसंत के पहले दिन मनाया जाता है और माघ महीने के पांचवें दिन पड़ता है.
यह होली की तैयारियों की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो दावत के चालीस दिन बाद होती है. विद्या, संगीत और कला की हिंदू देवी मां सरस्वती को पूरे त्योहार के दौरान सम्मानित किया जाता है.
कल्पवासियों - महीने भर की आध्यात्मिक तपस्या करने वाले भक्तों - की संख्या 1 मिलियन से अधिक हो गई है, जिससे आध्यात्मिक उत्साह बढ़ गया है.
ये भी पढ़ें- अभिषेक शर्मा ने अकेले ही तोड़ दिया इंग्लैंड का गुरूर, 100 रन भी नहीं बना पाए अंग्रेज