नई दिल्ली : जस्टिस संजीव खन्ना आज सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समारोह की अध्यक्षता करेंगी और न्यायमूर्ति खन्ना को पद की शपथ दिलाएंगी.
निवर्तमान सीजेआई धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ रविवार को रिटायर हो गए, जिससे न्यायमूर्ति खन्ना का कार्यकाल 6 महीने तक मुख्य न्यायाधीश के रूप में पूरा होगा.
भारत सरकार ने खन्ना को सीजेआई बनाने का नोटिफिकेशन जारी किया
भारत सरकार ने हाल ही में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की औपचारिक नोटिफिकेशन जारी किया, जो 11 नवंबर, 2024 से प्रभावी होगी.
विधि और न्याय मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कन्फर्म किया कि राष्ट्रपति ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) के तहत न्यायमूर्ति खन्ना को देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर नियुक्त किया है.
1960 में जन्मे जस्टिस खन्ना का इस तरह शुरू हुआ सफर
14 मई, 1960 को जन्मे न्यायमूर्ति खन्ना ने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में शामिल होकर अपना कानूनी करियर शुरू किया.
उन्हें संवैधानिक कानून, कराधान, मध्यस्थता, वाणिज्यिक कानून और पर्यावरण कानून समेत कानूनी क्षेत्रों का एक लंबा अनुभव रखते हैं. न्यायमूर्ति खन्ना ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का प्रतिनिधित्व करते हुए आय कर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में भी काम किया. उन्हें 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में प्रमोशन किया गया और 2006 में स्थायी न्यायाधीश बनाया गया.
न्यायमूर्ति खन्ना को 18 जनवरी, 2019 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में प्रमोशन किया गया.
आखिरी दिन डीवाई चंद्रचूड़ अपने कार्यकाल को याद कर भावुक हुए
अपने अंतिम कार्य दिवस पर, भारत के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश, डीवाई चंद्रचूड़ अपने कार्यकाल को याद करते हुए भावुक हो गए, उन्होंने कहा, "ज़रूरतमंदों की सेवा करने में सक्षम होने से बड़ी कोई भावना नहीं है."
शुक्रवार को अपने भावपूर्ण विदाई भाषण में, CJI चंद्रचूड़ ने पीछे बैठने वाले कानून के छात्र से लेकर सर्वोच्च न्यायालय की अध्यक्षता करने तक की अपनी यात्रा को साझा किया. उन्होंने राष्ट्र की सेवा करने के सम्मान को भी व्यक्त किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे कार्यालय में प्रत्येक दिन पेशेवर विकास और व्यक्तिगत विकास दोनों के अवसर प्रदान करता है.
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